राजस्थान
रीट परीक्षा नकल केस: इंजीनियर ने 50 रुपये की चप्पल 45 हजार में बेची, जाने पूरा मामला
Deepa Sahu
10 Nov 2021 12:38 PM GMT
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राजस्थान के बीकानेर में रीट परीक्षा के दौरान नकल कराने वाली गैंग के मुख्य सरगना तुलसाराम कालेर की गिरफ्तारी के बाद से कई खुलासे हो रहे है.
बीकानेर. राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर (Bikaner) में रीट परीक्षा (REET 2021 Exam) के दौरान नकल कराने वाली गैंग के मुख्य सरगना तुलसाराम कालेर की गिरफ्तारी के बाद से कई खुलासे हो रहे है. इससे पता चल रहा है कि गैंग ने कितनी जबर्दस्त तैयारी कर रखी थी. नकल के लिए चप्पल मोबाइल बनाने वाले युवक को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है. उसी ने पचास से अधिक चप्पल तैयार करके तुलसाराम कालेर को दी थी. तुलसाराम को यह चप्पल 42 हजार रुपए में मिली, जिसे बाद में छह लाख रुपए में बेचा गया. गंगाशहर पुलिस ने नई दिल्ली के 38 वर्षीय सुरेंद्र धारीवाल को गिरफ्तार कर लिया है, जो इंजीनियर है. सुरेंद्र को बुधवार को अदालत में पेश किया गया.
अब तक बीकानेर पुलिस नकल गैंग के करीब 11 लोगों को गिरफ्तर कर चुकी है. वहीं पुलिस ने तुलसाराम कालेर की निशानदेही पर उसके घर से मोबाइल डिवाइस लगी आठ जोड़ी चप्पल सहित कई सामान बरामद किया है. यह चप्पल परीक्षा के दिन ही कैंडिडेट्स को दी जाने वाली थी, लेकिन गिरफ्तारी होने के कारण इनकी डिलीवरी नहीं हो सकी.
एक व्यापारी भी गिरफ्तार
गंगाशहर थाना अधिकारी राणीदान चारण ने बताया कि वल्लभ गार्डन स्थित निवास से कीपैड वाले 34 मोबाइल फोन, मोबाइल चार्जर, 8 जोड़ी विशेष डिवाइस लगी चप्पलें, चप्पल चार्जर,44 चैक,वॉकी-टॉकी सहित कई सामान बरामद किया गया है. उन्होंने बताया कि नकल गैंग को चप्पल देने वाले व्यापारी सुरेंद्र धारीवाल को भी जनकपुरी से गिरफ्तार किया गया है. इससे भी पूछताछ की जाएगी. दरसल, प्रदेशभर में 26 सितंबर को रीट परीक्षा आयोजित हुई. रीट की परीक्षा में नकल गैंग के मास्टमांइड तुलसाराम ने चप्पल में डिवाइस लगाकार अभ्यार्थियों को नकल की तैयारी की थी. यह चप्पल प्रदेश के कई जिलों के अभ्यर्थियों को दी गई थी.
अभ्यर्थियों से नकल कराने के लिए लाखों रूपए में डील हुई. चप्पल के बदले पांच से सात लाख रुपए तक वसूले गए थे. परीक्षा से पहले बीकानेर पुलिस ने गैंग का भंडाफोड़ कर दिया. पुलिस इस मामले में अब और जानकारियां लुटाने में लगी है.
50 चप्पल की हुई थी डील
इस चप्पल की कीमत तीस हजार रुपए रखी गई. चप्पल को विशेष तरह से काटकर उसके अंदर इतना स्पेस बनाया गया कि मोबाइल के सारे पुर्जे फिट हो सके. महज 50 रुपए की ये चप्पल तुलसाराम को 42 हजार रुपए में दी गई. पहली डील में पचास चप्पल बनाकर तुलसाराम को दी गई थी.
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