प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या में सुलह हुई
जयपुर: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या में सुलह हो गई है। दोनों के बीच लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ मजबूत करने पर सहमति बनी है। शनिवार देर रात तक जयपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास बैठक चली। निंबाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी ने मध्यस्थता की। आक्या अब पूरा समर्थन भाजपा को देने के लिए राजी हो गए हैं। बैठक में भाजपा से निष्कासित कार्यकर्ताओं को भी वापस पार्टी में लेने की बात हुई है। इन कार्यकर्ताओं को दो दिन बाद औपचारिक रूप से पार्टी शामिल किया जाएगा। यह वो भाजना कार्यकर्ता हैं, जो विधानसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय विधायक चंद्रभान सिंह के साथ जुटे थे। मुख्यमंत्री भजनलाल की मौजूदगी में निंबाहेड़ा विधायक श्रीचंद्र कृपलानी, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या बैठक में देर रात तक रहे। मुख्यमंत्री भजनलाल के निर्देश के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता श्रीचंद कृपलानी लगातार दोनों नेताओं का मनमुटाव को खत्म करने की कोशिश कर रहे थे। इसी बीच चंद्रभान सिंह ने लोकसभा में भी खुद के चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद दोनों के बीच चल रही कोल्ड वॉर फिर से सामने आने लगी थी।
विधायक चंद्रभान सिंह के समर्थकों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में दोनों नेताओं के टकराव से कांग्रेस को फायदा मिलने की आशंका थी। सीपी जोशी और आक्या के एक होने के बाद कांग्रेस की परेशानियां बढ़ सकती हैं। चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी और विधायक चंद्रभान सिंह आक्या में कई साल से मनमुटाव था। दोनों पार्टी के लिए काम कर रहे थे। विधानसभा चुनाव में चित्तौड़गढ़ सीट से टिकट काटे जाने के बाद आक्या ने बगावत कर दी थी। टिकट काटने का आरोप सीपी जोशी पर लगाया था। विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीते थे। आक्या के सामने भाजपा प्रत्याशी नरपत सिंह राजवी की जमानत जब्त हो गई थी उल्लेखनीय है कि करीब एक सप्ताह पहले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और शेरगढ़ विधायक बाबू सिंह राठौड़ के बीच भी मुख्यमंत्री भजनलाल ने सुलह कराई थी।