दशहरा मैदान में बुधवार को पहली बार रिमोट से रावण के पुतलों का दहन किया जाएगा
कोटा न्यूज़: नगर निगम की ओर से आयोजित 129 वें राष्ट्रीय दशहरा मेले में दहन के लिए रावण के पुतले दशहरे मैदान में पहुंच चुके हैं। देर शाम तक सभी पुतले खड़े हो जाएंगे। दशहरे के दिन मुहूर्त के अनुसार रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाएगा। कोरोना काल के दो साल बाद आयोजित हो रहे इस मेले के प्रति व्यापारियों - दुकानदार के साथ ही आमजन में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है। नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दशहरे मेले की शुरूआत तो हो चुकी है लेकिन दशहरे पर रावण दहन की तैयारी की जा रही है। मंगलवार की सुबह से ही दशहरा मैदान स्थित विजयश्री रंगमंच पर रावण के पुतलों को खड़ा करने का काम लगातार किया जा रहा है। तीन बड़ी क्रेन , डेढ़ सौ मजदूरों की मशक्कत से पेड़े पर रावण कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों को खड़ा करने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। नगर निगम के इंजीनियर की देखरेख में कारीगरों , मजदूरों द्वारा भारी-भरकम पुत्रों को मैदान में लाया गया जिन्हें क्रेन की सहायता से पेड़ों पर चढ़ाकर खड़ा किया जाएगा।
नगर निगम के मेला अधिकारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि पुतलों को खड़ा करने में करीब 12 घंटे का समय लगेगा।देर शाम तक पुतले खड़े होंगे। उसके बाद बुधवार को मूहुर्त अनुसार रावण दहन किया जाएगा। पहली बार रिमोट से रावण के पुतलों का दहन किया जाएगा। लोगों के अतिरिक्त मनोरंजन के लिए पुतलों में आतिशबाजी भी अधिक लगाई गई है। आतिशबाजी , रावण दहन के साथ ही दशहरा मैदान में भी की जाएगी। इससे पहले गढ़ पैलेस में दरीखाने की रस्म अदा की जाएगी । उसके बाद भगवान लक्ष्मी नारायण की सवारी राजसी वैभव के साथ गढ़ पैलेस से निकाली जाएगी जो किशोरपुरा, दशहरा मैदान होते हुए विजयश्री रंगमंच पर पहुंचेगी। वहां शाम 7:30 से 7:45 के बीच रावण दहन किया जाएगा।
कोरोना काल के दो साल बाद आयोजित हो रहे मेले में इस बार भीड़ भी अधिक आने की संभावना है। इसको देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पूरे दशहरा मैदान में आसपास के क्षेत्र को 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से कवर किया गया है। साथ ही कंट्रोल रूम में पांच बड़ी एलईडी स्क्रीन से निगरानी रखी जाएगी। दशहरे मैदान में एक पुलिस थाना और 6 चौकियां बनाई गई है, जिससे किसी भी तरह की अपराधिक घटना होने पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। मेला अधिकारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि 75 फुट का रावण का पुतला बनाया गया है, जबकि मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले 50 फीट के बनाए गए हैं। पुतलों को करीब सवा 500000 रुपए की लागत से तैयार कराया गया है, वहीं 400000 रुपए की सीढ़ियां और पौने 500000 रुपए श्रमिकों पर खर्च किए गए हैं। करीब 900000 रुपए रावण को खड़ा करने पर खर्च किए गए हैं। इधर नवरात्र पर शुरू हुआ दशहरा मेला परवान चढ़ता जा रहा है। अधिकतर दुकानें लग चुकी है। खाने - पीने के ठेलों से लेकर फूडकोर्ट तक पूरा तैयार हो चुका है। दशहरे मैदान में झूले भी लग चुके हैं । दशहरा मेले के दौरान अखिल भारतीय कवि सम्मेलन ,मुशायरा ,कव्वाली समेत कई कार्यक्रम होंगे। मेला 21 अक्टूबर तक चलेगा।