राजस्थान

Rashtriya Sainik Sanstha ने सैनिक सम्मान के साथ कारगिल विजय का रजत जयंती वर्ष मनाया

Gulabi Jagat
27 July 2024 6:01 PM GMT
Rashtriya Sainik Sanstha ने सैनिक सम्मान के साथ कारगिल विजय का रजत जयंती वर्ष मनाया
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Bhilwara भीलवाड़ा भारत ने हिमालय की चोटी पर पाकिस्तानी सेना के कब्जे के षड्यंत्र को धूल चटा कर 26 जुलाई 1999 में फिर तिरंगा फहराया, इस ऐतिहासिक विजय के 25 वर्ष पुर्ण होने पर राष्ट्रीय सैनिक संस्था ने सैनिक सम्मान के साथ विजय पर्व मनाया। राष्ट्रीय सैनिक संस्था द्वारा लवगार्डन मार्ग स्थित वरिष्ठ नागरिक भवन के सभागार में रजत जयंती वर्ष का आयोजन किया गया। राष्ट्र गीत वन्देमातरम के द्वारा विजय पर्व कार्यक्रम की शुरूआत हुई। अथितियो ने भारत माता और सरस्वती माता को पुष्प चढ़ाकर, दीप प्रज्ज्वलित किया, शहीद स्मारक के चित्र पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजली अर्पित की, राष्ट्रीय सैनिक संस्था द्वारा सभी सेना के पूर्व सैनिकों का शॉल ओढ़ाकर कर, तिरंगा दुपट्टा पहनाकर, तिलक लगाकर, प्रस्तति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह डॉ. शंकर लाल माली ने मुख्य वक्ता के नाते उद्बोधन देते हुए समाज की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा की हम दो हमारे दो के बाद स्थिति यह हो चुकी है की सेना में कौन जायेगा, देश की सीमा की रक्षा कौन करेगा, सभी चिंतन करे और कारगिल वीर बांकुरो को अपनो ओजस्वी शब्दों से श्रद्धांजली अर्पित की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष, पार्षद मधु शर्मा ने कारगिल युद्ध और सैनिक संस्था की गतिविधियों पर प्रकाश डाला और कारगिल युद्ध के योद्धाओ ने वीरगाथा सुनाई कैसे विजय प्राप्त की। इस अवसर पर फोजी चमन सिंह ने कारगिल में किस प्रकार युद्ध लड़ा गया, कैसे विजय मिली योद्धाओं के शौर्य व वहां हुई घटनाओं के बारे में बताया, बीजेपी सैनिक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक नरपत सिंह राठौड़ ने कारगिल युद्ध वृतांत सुनाया। पूर्व सैनिक परिषद के अध्यक्ष वारंट ऑफिसर श्रवण कुमार गुर्जर ने सभी सैनिकों का परिचय एवं कारगिल युद्ध में उनकी भूमिका के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर योद्धाओं द्वारा युद्ध भूमि के अनुभव भी साझा किए गए। अंत में राष्ट्र गान के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रकवि रामनिवास रोनी ने वीररस के साथ किया।
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