राजस्थान

नाबालिग फुटबॉल खिलाड़ी से रेप केस में रेपिस्ट कोच को 20 साल की सजा

Admin4
21 Sep 2023 10:40 AM GMT
नाबालिग फुटबॉल खिलाड़ी से रेप केस में रेपिस्ट कोच को 20 साल की सजा
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अजमेर। नाबालिग छात्रा (14) से रेप करने वाले फुटबॉल कोच (28) को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। बुधवार को दिए फैसले में पॉक्सो कोर्ट ने 60 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया है। पीड़ित लड़की को प्रतिकर स्कीम के तहत 6 लाख रुपए देने का भी आदेश दिया गया है। सरकारी वकील रूपेंद्र परिहार बताया- पीड़िता मूलरूप से कोलकाता की रहने वाली है। वह हिमाचल के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ती है। हिमाचल के स्कूल से फुटबॉल टीम अजमेर आई थी। अजमेर में अगस्त 2019 में अंडर 16 फुटबॉल टूर्नामेंट हुआ था। अजमेर के एक गार्डन में पूरी टीम को ठहराया गया था। हिमाचल से साथ आए स्कूल के कोच ने लड़की को अपने कमरे में बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। साथ ही, किसी को नहीं बताने के लिए धमकी दी। टूर्नामेंट के बाद लड़की वापस हिमाचल प्रदेश चली गई। इसके बाद कोरोना काल आया और वह अपने घर (कोलकाता) चली गई।
कोरोना काल खत्म होने के बाद वह स्कूल (हिमाचल प्रदेश) लौटी। 1 मई 2021 को स्कूल के स्टूडेंट्स जज जगदीश भल्ला से वेबिनार के माध्यम से जुड़े। जस्टिस भल्ला नाबालिग बच्चों और महिलाओं के साथ हो रहे अपराध के बारे में जानकारी दे रहे थे। इस दौरान 'अपराध को छुपाओ मत, बताओ.. ' लाइन कही गई। यही लाइन पीड़ित लड़की के दिमाग में बैठ गई। अपने साथ हुई ज्यादती ने उसे झकझोर दिया। इस लाइन को सुनकर उसके अंदर हिम्मत जागी। उसने फौरन स्कूल प्रशासन को आपबीती बताई। स्कूल प्रशासन ने पीड़िता की काउंसिलिंग करवाई और संबंधित कसौली (हिमाचल) पुलिस को सूचित किया। कसौली पुलिस ने छात्रा के बयान दर्ज किए। मामला अजमेर (राजस्थान) का था। इसलिए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अजमेर जगदीश चंद्र शर्मा को शिकायत भेजी गई। एसपी अजमेर के निर्देश पर आदर्श नगर (अजमेर) थाने में 11 मई 2021 को मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद राजस्थान पुलिस कसौली गई और 8 जून 2021 को रेपिस्ट कोच को गिरफ्तार किया। सरकारी वकील रूपेंद्र परिहार ने बताया- बुधवार को पॉक्सो कोर्ट के जज बन्नालाल जाट ने मामले की सुनवाई की। 19 गवाह और 41 दस्तावेज पेश किए गए। जज ने कोच को 20 साल कठोर कारावास और 60 हजार के आर्थिक दंड की सजा सुनाई है। साथ ही, जज ने टिप्पणी की- देश में नाबालिग बच्चों व महिलाओं के साथ हो रहे अपराध के बारे में 'अपराध को छुपाओ मत, बताओ' के जरिए समझाया जा रहा है। जब पीड़िता ने उसके स्कूल में जज जगदीश भल्ला को वेबिनार के माध्यम से सुना तो उसे उसके साथ हुए अपराध का ज्ञान हुआ।
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