राजस्थान

शादी का झांसा देकर दुष्कर्म आरोपी ने मारपीट कर उसके वीडियो शेयर करने की दी धमकी

Admin4
22 March 2023 1:18 PM GMT
शादी का झांसा देकर दुष्कर्म आरोपी ने मारपीट कर उसके वीडियो शेयर करने की दी धमकी
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जयपुर। प्रताप नगर थाना पुलिस ने एक युवती की शिकायत पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का मामला दर्ज किया है। पीड़िता का आरोप है कि आरोपी लंबे समय से उसके संपर्क में था। वह बार-बार उसे शादी का झांसा दे रहा था जिसके बाद से आरोपी लगातार उसके साथ दुष्कर्म कर रहा था। आरोपी के पास युवती के कुछ अश्लील वीडियो भी हैं। आरोपी ने अब शादी से इंकार कर दिया है और उसके साथ मारपीट कर रहा है। पुलिस के पास जाने पर अपना वीडियो सोशल मीडिया पर डालने की धमकी दी। मोनू धाकड़ के खिलाफ 22 वर्षीय युवती ने प्रताप नगर थाने में दुष्कर्म, मारपीट व वीडियो वायरल करने का मामला दर्ज कराया है.प्रताप नगर थाना पुलिस ने बताया कि पीड़िता के मोनू धाकड़ से काफी समय से संबंध थे।
पीड़िता का कहना है कि मोनू धाकड़ ने उसे शादी का झांसा देकर कई बार दुष्कर्म किया। पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर किशोरी का मेडिकल कराया गया है। आरोपी मोनू धाकड़ की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।जयपुर कमिश्नरेट में शादी का झांसा देकर रेप के मामले दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में पुलिस ने इन मामलों को सामान्य मानकर हेड कांस्टेबल स्तर के अधिकारियों से जांच करवानी शुरू कर दी है. मुकदमों की निरंतरता देख उनकी गंभीरता भी खत्म होती जा रही है।
हाई कोर्ट ने एक जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि शादी का झांसा देकर सहमति से शारीरिक संबंध बनाना रेप की श्रेणी में नहीं आता है. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बलात्कार से जुड़े कानूनी प्रावधानों का इस्तेमाल अंतरंग संबंधों को नियंत्रित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, जब कोई महिला अपनी मर्जी से ऐसे संबंधों में शामिल हो. हाईकोर्ट ने रेप के एक आरोपी को जमानत देते हुए यह टिप्पणी की। कोर्ट ने आगे कहा कि अगर कोई महिला सहमति से यौन संबंध बनाती है, तो आरोपी के खिलाफ बलात्कार के आपराधिक कानूनी प्रावधानों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
जस्टिस एसके पाणिग्रही की सिंगल बेंच ने रेप के आरोपी युवक की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। हाई कोर्ट ने रेप के आरोपी को जमानत देते हुए कहा, 'बिना किसी आश्वासन के सहमति से शारीरिक संबंध बनाने के मामले को आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार के लिए सजा का प्रावधान) के तहत अपराध नहीं माना जा सकता है. शादी का झूठा वादा कर सेक्स को रेप की श्रेणी में रखना उचित नहीं है।
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