राजस्थान | बर्खास्त मंत्री व कांग्रेस विधायक राजेंद्र गुढ़ा और भाजपा विधायक मदन दिलावर को ‘अभद्र आचरण' के कारण सोमवार को राजस्थान विधानसभा से शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने इस संबंध में प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने पारित कर दिया।
धारीवाल ने प्रस्ताव में कहा कि गुढ़ा ने उनके साथ मारपीट करने की कोशिश की और अगर मार्शल वहां नहीं आते तो बड़ी घटना हो सकती थी। उन्होंने कहा कि गुढ़ा का व्यवहार बेहद शर्मनाक और असंसदीय था। भाजपा विधायक मदन दिलावर के लिए, धारीवाल ने कहा कि वह उनकी ओर बढ़े थे और उन पर हमला करने की योजना बना रहे थे। विधानसभा की कार्यवाही दोबारा स्थगित होने के बाद जब विपक्षी विधायक अध्यक्ष के आसन के सामने हंगामा कर रहे थे तब दिलावर धारीवाल की ओर बढ़े थे।
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राष्ट्रीय राजधानी में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘उस लाल डायरी में ऐसा क्या है जो पूरी सरकार में ‘घबराहट' है। राजस्थान का हर व्यक्ति इसका रहस्य जानना चाहता है।'' उन्होंने दावा किया कि अगर गुढ़ा द्वारा उजागर की गई डायरी की सामग्री सामने आ गई तो कई नेताओं का राजनीतिक वजूद खतरे में पड़ जाएगा।
शेखावत ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार खनन, भर्ती और परीक्षा जैसे विभिन्न घोटालों से संबंधित डायरियों से भरी हुई है। सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा, पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने वाले गुढ़ा को शुक्रवार शाम को गहलोत ने बर्खास्त कर दिया था। गुढ़ा इसके बाद ही गहलोत पर निशाना साध रहे हैं।
गुढ़ा ने सोमवार को जयपुर में राजस्थान विधानसभा में एक लाल डायरी लहराते हुए हंगामा किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इसमें राज्य सरकार से जुड़े अनियमित वित्तीय लेनदेन का विवरण है। राजस्थान के भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने गरीबों के लिए आवंटित धन का ‘दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं को खुश करने' के लिए दुरुपयोग किया है। उन्होंने दावा किया कि डायरी में 500 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन का विवरण है।
शेखावत ने आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। उन्होंने दावा किया कि आयकर विभाग ने 2020 में गहलोत के एक करीबी व्यक्ति के यहां छापेमारी के दौरान डायरी बरामद की थी। शेखावत ने कहा कि गहलोत ने अपने हित के लिए गुढ़ा को मंत्री बनाया था लेकिन गुढ़ा ने अपनी अंतरात्मा की आवाज को दबाया नहीं। उन्होंने कहा कि गुढ़ा ने जो आरोप लगाए हैं वह गंभीर है और इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।
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