राजस्थान

Rajasthan Tiger Reserve And National Park तीन माह तक रहेगा बंद

Shreya
1 July 2023 11:53 AM GMT

राजस्थान: झमाझम बारिश का दौर शुरू होते ही अब राजस्थान के टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क और वन्य प्राणी अभयारण्य में 30 जून से पर्यटकों का प्रवेश बंद रहेगा। आगामी तीन महीनों के लिए जंगल में बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित होगा और इस दौरान वन्य प्राणी और जीव-जंतु बिना मानवीय हस्तक्षेप के स्वच्छंद रह सकेंगे। आगामी 1 अक्टूबर 2023 से एक बार फिर पर्यटकों को वन्य जीवन के दीदार व रोमांच का अनुभव करने की अनुमति मिल सकेगी।

बारिश में कठिन हो जाती है जंगल की दुनिया

बारिश के दौरान जंगल के कच्चे रास्ते, पगडंडियां कीचड़ से भर जाती हैं। जंगल में चारों तरफ बारिश का बहाव, पानी, मिट्टी और फिसलन होती है। गहराई वाली जगहों पर नए-नए पोखर बन जाते हैं। जंगल से निकली नदियां-नाले उफान पर होते हैं। मगरमच्छ जैसे जीव भी मिट्टी वाली सतह पर नजर आते हैं। बारिश के चलते टाइगर से लेकर तमाम वन्य प्राणी सुरक्षित ठिकानों, पहाड़ की गुफाओं, ऊंचाई वाले इलाकों में पर आसरा तलाशकर छिप जाते हैं। जंगल की दुष्कर दुनिया व संभावित खतरों को टालने के लिए जंगल-टाइगर सफारी बंद कर दी जाती है। वर्षाकाल कई वन्य प्राणियों का संसर्ग काल भी होता है, इस दौरान मानवीय दखल से वे हिंसक भी हो सकते हैं।

राजस्थान में 1 जुलाई से टाइगर पार्क बंद होंगे. रणथंभौर, सरिस्का टाइगर रिजर्व 3 माह के लिए बंद रहेंगे. मानसून अवधि में रणथंभौर के जोन 1 से 5 बंद रहेंगे. इस दौरान जोन कोई पर्यटन गतिविधि नहीं होगी. जबकि जॉन 6 से 10 पर्यटको के लिए खुले रहेंगे. यहां सुबह 6 से 9.30 तक 70 व्हीकल जा सकेंगे. शाम के समय दोपहर 3:30 बजे से शाम 7:00 बजे तक खुले रहेंगे. वही सरिस्का में पूरी तरह पर्यटन गतिविधियां बंद होंगी. पांडुपोल के अलावा अन्य मार्गों पर नहीं जा सकेंगे पर्यटक.

प्रदेश के टाइगर रिजर्व्स में मानसून ब्रेक रहेगा, 1 जुलाई से रणथंभौर, सरिस्का टाइगर पार्क बंद हो जाएंगे. ऐसे में यहां पर्यटन गतिविधियां बंद हो जाएंगी. 1 जुलाई से 30 सितंबर तक दोनों टाइगर पार्क बंद रहेंगे. हालांकि इस दौरान रणथंभौर, सरिस्का का बफर खुला रहेगा. रणथंभौर बफर के जोन 6 से 10 में पर्यटन गतिविधियां जारी रहेगी. सरिस्का में टहला और सदर रूट व बफर रूट खुला रहेगा. बता दें कि तीन महीने मानसून के दौरान टाइगर पार्क बंद रहते हैं. वहीं दूसरी ओर सरिस्का टाइगर रिजर्व को लेकर मंत्री टीकाराम जूली के आग्रह पर वन विभाग एक कोर रूट खोल सकता है. मानसून ब्रेक के दौरान कोर रूट तीन महीने मंद रहते हैं. महज, बफर के 'बारा लिवारी' रूट पर सफारी होती है, बाला किला क्षेत्र भी खुला रहता है.

सरिस्का में सफारी के लिए कोर के चार रूट:-

रूट 1: सरिस्का गेट, काला कुआं, गघेडी, घाणका तिराहा, उदयनाथ, तारुंडा, ब्रह्मथ, काली घाटी (58KM)

रूट 2: सरिस्का गेट, तारूंडा, ब्रह्मथ, कालीघाटी, बाबरी गेट, कांकवाडी सरिस्का (55 किमी)

रूट 3: सरिस्का गेट से भर्तृहरि तिबारा, करणा का बास, जलेबी चौक आल गुवाल, एंक्लोजर, नया पानी, भैरू का तिराहा, काली घाटी, पांडुपोल (60 किमी)

रूट 4: तहला गेट, चमारी का बेरा, आठवीं मील, काबरी गेट, कांकवाड़ी, काली घाटी से टहला (38 KM)

रणथम्भौर टाइगर पार्क का जोन 1 से 5 रहेगा बंद

1 जुलाई से 30 सितंबर तक यहां पर्यटन गतिविधियां नहीं होंगी. वन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रणथम्भौर टाइगर पार्क के जोन संख्या 1 से 5 को पूरी तरह से बंद रखा जाएगा.

जोन 6 से 10 पर्यटकों के लिए रहेगा खुला

इस दौरान यहां पर किसी भी तरह की पर्यटन गतिविधियां नहीं होंगी. वहीं जोन संख्या 6 से 10 पर्यटकों के लिए खुले रहेंगे. जोन संख्या 6 से 10 में सुबह और शाम की पारी में 70-70 गाड़ियां पर्यटकों को भ्रमण पर लेकर जा सकेंगी.

इस समय पर रहेगी अनुमति

सुबह 6 से 9:30 बजे तक और शाम को दोपहर 3:30 बजे से शाम 7 बजे तक जोन संख्या 6 से 10 में पर्यटन गतिविधियों की अनुमति रहेगी.

मानसून को देखते हुए उठाए गए कदम

रणथम्भौर टाइगर पार्क के डीसीएफ मोहित गुप्ता ने बताया कि मानसून अवधि के दौरान बाघों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए जाएंगे. बाघिन टी-124 के शावक देखे जाने की खबरों के बीच राजबाग तालाब क्षेत्र को भी पर्यटकों के लिए बंद किया गया है.

विरोध भी आ रहा है सामने

वहीं सरिस्का टाइगर पार्क में पंडुपोल मंदिर क्षेत्र के अलावा अन्य सभी इलाके पर्यटकों के लिए बंद रहेंगे. सरिस्का में बफर जोन को पर्यटकों के लिए नहीं खोले जाने को लेकर विरोध भी सामने आ रहा है.

क्यों बंद होते हैं अभ्यारण्य व नेशनल पार्क

मानसून जंगली जानवरों का प्रजनन काल होता है। इस वजह से ही मुख्य तौर पर जंगलों में आम लोगों के प्रवेश को बंद कर दिया जाता है। आम लोगों की उपस्थिति में जंगली जानवरों के प्रजनन प्रक्रिया में खलल पड़ सकता है जिसका असर इन आबादी पर भी पड़ता है। प्रजनन काल होने की वजह से अपने पार्टनर को लुभाने के लिए जानवरों के बीच कई बार हिंसात्मक लड़ाईयां भी होती हैं जो पर्यटकों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

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