राजस्थान

Rajasthan:राजस्थान के मंत्री ने रेप केस में दिया विवादित बयान

Kajal Dubey
10 March 2022 1:33 AM GMT
Rajasthan:राजस्थान के मंत्री ने रेप केस में दिया विवादित बयान
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राजस्थान में दुष्कर्म के मामलों में देश में पहले पायदान पर पहुंच गया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान में दुष्कर्म के मामलों में देश में पहले पायदान पर पहुंच गया है. जो कि काफी चिंताजनक भी है, लेकिन दुष्कर्म के इन्हीं आंकड़ों के बीच राजस्थान में संसदीय कार्यमंत्रीशान्ति धारीवाल का एक बयान काफी चर्चा में आ गया है. बता दें कि रेप के मामले में राजस्थान के देश में नंबर एक पर पहुंचने के बाद राज्य के मंत्री शांति धारीवाल का बयान सामने आया है.

संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा है कि अब तो राजस्थान मर्दों का प्रदेश है. इसके बाद मंत्री के पास बैठे कांग्रेस के विधायक भी मंत्री के बयान से सहमत दिखे.
दरअसल, मंत्री शांति धारीवाल राजस्थान विधानसभा में बुधवार को एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे. इस दौरान वे दुष्कर्म के आंकड़े बता रहे थे. उन्होंने कहा कि राजस्थान दुष्कर्म के मामलों में देश में पहले नंबर पर है. फिर बोलते-बोलते अचानक धारीवाल रुक गए. थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा कि अब राजस्थान दुष्कर्म के मामलों में देश में पहले नंबर पर है तो है.
फिर कुछ देर रुक कर पीछे बैठे साथी कांग्रेस विधायकों से मुखातिब हुए धारीवाल ने कहा कि 'अब राजस्थान तो मर्दों का प्रदेश है'. धारीवाल के इस बयान पर पीछे बैठे उनके साथी विधायक मुस्कुरा दिए. इनमें कुछ मंत्री भी शामिल थे. धारीवाल, मंत्री महेश जोशी की तरफ देखकर बोल रहे थे. उधर, मंत्री के इस बयान को विधानसभा के यू-ट्यूब चैनल और रिकॉर्ड से हटा दिया गया.
सतीश पूनिया ने प्रियंका गांधी से पूछा सवाल
वहीं राजस्थान बीजेपी चीफ डॉक्टर सतीश पूनिया ने कहा कि सदन में प्रदेश में बलात्कार में एक नंबर पर होने की निर्लज्ज स्वीकारोक्ति और मर्दों की आड़ में नारी के प्रति स्तरहीन बयान न केवल प्रदेश की महिलाओं का अपमान है बल्कि पुरूषों की गरिमा को भी गिराया है। प्रियंका गांधी अब क्या कहेंगी, क्या करेंगी?
बता दें कि 2021 में राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ 21 हजार 832 अपराध यानी हर दिन 60 महिलाएं शिकार हुई हैं. रेप-छेड़छाड़ के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. राज्य में 2021 में दुष्कर्म के 6 हजार 337 मामले सामने आए हैं जबकि छेड़छाड़ के 9 हजार 079 मामले सामने आए हैं. वहीं, अपहरण के 5 हजार 964 और दहेज हत्या के 452 मामले सामने आए है.


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