राजस्थान लोक सेवा आयोग देश में अव्वल: 74वें स्थापना दिवस पर अध्यक्ष
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अजमेर न्यूज: राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के अध्यक्ष संजय क्षोत्रिय ने कहा कि आयोग की पहली प्राथमिकता विश्वसनीयता और गोपनीयता बनाए रखना है। इसके लिए आयोग प्रशासन पूरी क्षमता से काम कर रहा है। देरी के बार-बार आरोप लगाने के पीछे कई कारण हैं। इसमें नियमों की अस्पष्टता, न्यायिक प्रक्रिया और परीक्षा केंद्रों की स्थिति तथा विभागों द्वारा मांगी गई सूचनाओं सहित अन्य कई कारण होते हैं और इसमें देरी होती है। लेकिन इन सबके बावजूद राजस्थान लोक सेवा आयोग देश भर के आयोगों में शीर्ष पर है और लगातार नवाचार किए जा रहे हैं।
आयोग के 74वें स्थापना दिवस पर बुधवार को आयोग परिसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए क्षोत्रिय ने कहा कि आयोग एक संवैधानिक निकाय है और यहां जल्दबाजी में काम नहीं किया जा सकता है. जल्दबाजी अनावश्यक देरी का कारण बनती है। आयोग का समय बर्बाद न हो और अभ्यर्थियों को कोई परेशानी न हो, जो अभ्यर्थियों के हित में है, इसके लिए पूरे प्रयास किए गए हैं और किए जा रहे हैं। आरएएस भर्ती परीक्षा 2018 की प्रक्रिया को पूरा करने में 3 साल और 3 महीने का समय लगा, लेकिन आरएएस भर्ती 2021 दो साल की अवधि में पूरा करने की कोशिश कर रहा है।
क्षोत्रिय ने कहा कि कोचिंग माफिया भी सक्रिय है, जो छोटी सी गलती पर मामले को मुकदमेबाजी में उलझा देता है. इससे भी ज्यादा नुकसान प्रत्याशियों को हुआ है। आरपीएससी की ओर से नकल रोकने के लिए नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का साक्षात्कार जनवरी में और आरएएस भर्ती 2021 का साक्षात्कार फरवरी में कराने का प्रयास किया जा रहा है। आरपीएससी ने कभी भी किसी भी परीक्षा में इंटरनेट बंद नहीं किया बल्कि अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है। इसके लिए कई व्यवस्थाएं बदली गईं। इस दौरान सचिव हजारी लाल अटल, संयुक्त सचिव आशुतोष सहित आयोग सदस्य मंजू शर्मा, सुनीता आर्य, जसवंत राठी, बाबूलाल कटारा मौजूद रहे.