राजस्थान
राजस्थान न्यूज: हाईकोर्ट ने आरसीए चुनाव पर 11 अक्टूबर तक लगाई रोक
Gulabi Jagat
30 Sep 2022 9:49 AM GMT
x
Source: aapkarajasthan.com
राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर में आपको बता दें कि राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव पर लगी अंतरिम रोक को 11 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में आरसीए को जवाब के लिए समय देते हुए मुख्य चुनाव अधिकारी रामलुभाया, प्रमुख खेल सचिव और सहकारिता रजिस्ट्रार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने ये आदेश दौसा जिला क्रिकेट संघ और अन्य जिला संघों की याचिका पर आज सुनवाई करते हुए दिया है।
अदालत में सुनवाई के दौरान आरसीए की ओर से कहा गया कि उन्हें याचिका पर विस्तृत जवाब पेश करना है इसलिए उन्हें समय दिया जाए। इस पर अदालत ने आरसीए को जवाब के लिए 11 अक्टूबर तक का समय देते हुए अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने पूर्व आईएएस रामलुभाया को गत 13 मार्च को प्रदेश के जिलों के लिए बनाई गई हाई पावर समिति का चेयरमैन बनाया है। इस कमेटी का सीधा नियंत्रण मुख्यमंत्री के पास है। बीते आठ सितंबर को ही आरसीए के लिए रामलुभाया बतौर मुख्य चुनाव अधिकारी चुने गए। दरअसल, सीएम के बेटे वैभव गहलोत आरसीए के मौजूदा अध्यक्ष हैं और आगामी चुनाव में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार भी हैं। आरोप है कि मुख्य चुनाव अधिकारी ने आरसीए के मौजूदा अध्यक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए कई जिला संघों की मतदाता सूची से छेड़खानी की और अवैध तरीके से मतदाता सूचियां बनाई है।
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं ने उनके चुनाव अधिकारी बनाए जाने पर उनके समक्ष आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन उन्होंने आपत्तियों का निस्तारण नहीं किया। ऐसे में याचिका के निस्तारण तक आरसीए चुनाव पर रोक लगाई जानी चाहिए। याचिका में कहा गया कि मुख्य चुनाव अधिकारी मुख्यमंत्री को सीधे रिपोर्ट करते हैं और राज्य सरकार से फायदे ले रहे हैं। सीएम पुत्र होने के कारण आरसीए चुनाव में वैभव गहलोत का फायदा पहुंचा रहे हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट और लोढ़ा कमेटी तय कर चुकी है कि चुनाव अधिकारी निष्पक्ष होना चाहिए।
बता दे कि हाईकोर्ट ने गत 29 सितंबर को आरसीए चुनाव पर अंतरिम रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई 30 सितंबर को रखी थी। आरसीए की ओर से अदालत को बताया गया था कि वैभव गहलोत मुख्यमंत्री के बेटे होने के साथ-साथ अपना अलग व्यक्तित्व भी रखते हैं और उनकी अपनी अलग पहचान है। केवल सीएम की संतान होने की वजह से उन पर आरोप लगाया जाना गलत है। बीसीसीआई के सचिव पद पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह भी हैं, तो क्या उन्हें भी बीसीसीआई का सचिव बनाने के लिए राजनीतिक दखल दिया गया है? ऐसे आरोप तो बीसीसीआई पर भी लग सकते हैं इसलिए केवल सीएम का पुत्र होने की वजह से राजनीतिक दखल का आरोप लगाते हुए दायर याचिका को खारिज किया जाए।
Gulabi Jagat
Next Story