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राजस्थान मिशन 2030 परामर्श शिविर मंगलवार को ईडीपी हॉल जिला कलेक्ट्रेट, डंूगरपुर में आयोजित हुआ।
जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र, डंूगरपुर के महाप्रबंधक हितेश जोशी ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश के चहंुमुखी विकास एवं प्रदेशवासियों की खुशहाली एवं उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए संकल्पबद्व होकर राजस्थान को वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के क्रम में इस परामर्श शिविर में स्थानीय उद्यमी, व्यापारी एवं खनन व्यवसायी तथा विभिन्न आर्टिजन्स के साथ उक्त विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। इस शिविर में संबंधित विभागों की वर्तमान गतिविधियां, प्रगति एवं आगामी योजनाओं के बारे में पीपीटी के माध्यम से विस्तार से समझाया गया। तत्पश्चात् उपस्थित उद्यमियों, व्यापारियों, उद्योग संघो, खनन व्यवसासियों ने मिशन राजस्थान-2030 के से संबंधित अपने सुझाव दिए, जिनमें उद्यमियों द्वारा जिले में औद्योगिक भूमि के अभाव के कारण नए छोटे-छोटे औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना, औद्योगिक दृष्टि से जिले के पिछडे होने से जीएसटी व आयकर में छूट, बिजली की दरों में अन्य राज्यों से एकरूपता, औद्योगिक क्षेत्रों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए नए जीएसस की स्थापना, आर्टिजन के लिए सीएफसी के लिए भूमि आवंटन एवं आर्टिजन के लिए आर्थिक सहायता के सुझाव प्राप्त हुए। खनन विभाग के अन्तर्गत व्यवसायियों द्वारा रॉयल्टी पर आरसीएम (18 प्रतिशत) से मुक्ति, माईनिंग क्षेत्र में लैण्ड टैक्स को हटाना, डीएमएफटी फण्ड से खनन क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं का विकास, खनन रॉयल्टी में कमी ईसी की जिला स्तर ही सत्यापन, जिले में माईनिंग क्षेत्र में खरडा ग्रेड को वापस जोडना, सेल्फ असेसमेंट की आवश्यकता के सुझाव प्राप्त हुए। वाणिज्यिक कर विभाग के तहत खनन रॉयल्टी पर 18 प्रतिशत रिवर्स चार्ज (बैंक लॉग के साथ) पर सहानुभूतिपूर्वक पुनर्विचार सहित अन्य विषयों पर सुझाव प्राप्त हुए। सभी सुझावों को संकलित कर राज्य सरकार को प्रेषित किए जाएंगे।
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