राजस्थान

राजस्थान हाई कोर्ट को कुलदीप माथुर व शुभा मेहता के रूप में मिले दो नए न्यायाधीश

Ritisha Jaiswal
6 Jun 2022 12:20 PM GMT
राजस्थान हाई कोर्ट को कुलदीप माथुर व शुभा मेहता के रूप में मिले दो नए न्यायाधीश
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राजस्थान हाई कोर्ट को कुलदीप माथुर व शुभा मेहता के रूप में दो नए न्यायाधीश मिल गए हैं

राजस्थान हाई कोर्ट को कुलदीप माथुर व शुभा मेहता के रूप में दो नए न्यायाधीश मिल गए हैं। इनके न्यायाधीश पद की शपथ लेने के साथ ही राजस्थान हाई कोर्ट में अब कुल 27 जज हो गए हैं, लेकिन इसके बाद भी न्यायाधीशों के 23 पद रिक्त रहेंगे। हाई कोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्य पीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव ने दोनों नवनियुक्त न्यायाधीशों को शपथ दिलाई। इस दौरान जयपुर पीठ के न्यायाधीश भी समारोह में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। माथुर को अधिवक्ता कोटे से और मेहता को न्यायिक अधिकारी कोटे से उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।

राष्ट्रपति ने की नियुक्ति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कुलदीप माथुर व शुभा मेहता को राजस्थान हाई कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया था। सोमवार को इन दोनों ने शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप, न्यायाधीश अरुण, न्यायाधीश डा पुष्पेंद्र सिंह भाटी, दिनेश मेहता, न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर, मेहता, भंसाली, न्यायाधीश महेंद्र गोयल, न्यायाधीश फरजंद अली, न्यायाधीश मदन गोपाल व्यास व न्यायाधीश रेखा बोराणा सहित इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर , राजस्थान हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल सूर्यप्रकाश काकड़ा, रजिस्ट्रार प्रशासन युधिष्ठिर शर्मा सहित न्यायिक अधिकारी, वरिष्ठ अधिवक्ता व अन्य अधिवक्ता और शहर के गणमान्य नागरिक व भारी संख्या में कर्मचारी उपस्थित थे। समारोह में नवनियुक्त न्यायाधीशों के परिजन भी मौजूद रहे। समारोह के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने दोनों न्यायाधीशों को बुके देकर स्वागत किया।
हाई कोर्ट में पति और पत्नी दोनों बने जज
न्यायाधीश शुभा मेहता के पति महेंद्र गोयल पहले से राजस्थान हाई कोर्ट में जज हैं। ये पहला मौका है, जब हाई कोर्ट में पति और पत्नी दोनों जज होंगे। जिला व सेशन न्यायाधीश संवर्ग की अधिकारी शुभा मेहता पहले राजस्थान सिविल सर्विसेज अपीलेट ट्रिब्यूनल जयपुर की न्यायिक सदस्य थीं। उदयपुर की मूल निवासी शुभा 1992 में न्यायिक सेवा में आई थीं। उन्हें 17 अप्रैल को जिला जज संवर्ग में शामिल किया गया था। वहीं, अधिवक्ता माथुर ने एमडीएसयू अजमेर से वर्ष 1989 में स्नातक की पढाई पूरी करने के बाद वर्ष 1993 में अजमेर से ही विधि एलएलबी की है।


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