राजस्थान

Rajasthan: मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में मादा शावक को छोड़ा गया

Harrison
12 Dec 2024 1:23 PM GMT
Rajasthan: मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में मादा शावक को छोड़ा गया
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Jaipur जयपुर: राजस्थान के कोटा के निकट मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को आबाद करने के लिए बुधवार को यहां मादा शावक को छोड़ा गया। इसके साथ ही इस रिजर्व में बाघों की संख्या तीन हो गई है। डीएफओ मुकंदरा मुथु एस ने बताया कि मादा शावक को मुकंदरा में पांच हेक्टेयर के सॉफ्ट एनक्लोजर में छोड़ा गया। इसके पास ही शिकार के लिए दो एनक्लोजर हैं, जहां पहले से शिकार के लिए बेस छोड़े जा चुके हैं। मादा शावक रणथंभौर टाइगर रिजर्व की बाघिन टी114 के परिवार की है। शावक का जन्म नवंबर 2022 में रणथंभौर रिजर्व में हुआ था। बाघिन टी114 की मौत के बाद उसके दो शावकों (नर और मादा) को 1 फरवरी 2023 को कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया था। उस समय शावक ढाई महीने के थे।
पार्क में वनकर्मियों ने उनकी देखभाल की। ​​अब दोनों युवा हो गए हैं। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने पहले ही इन्हें छोड़ने की अनुमति दे दी थी, लेकिन भारत सरकार से अनुमति का इंतजार था, जो कुछ दिन पहले ही मिली है। जिसके बाद नर शावक को 4 दिसंबर को बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया, जबकि मादा शावक को 7 दिन बाद बुधवार को मुकंदरा में छोड़ा गया।
मुकुंदरा रिजर्व रणथंभौर से सटा हुआ है। रणथंभौर से मुकुंदरा तक रामगढ़ विषधारी सेंचुरी और इंद्रगढ़ होते हुए दो अलग-अलग कॉरिडोर हैं। इसी कॉरिडोर में रणथंभौर के बाघों का मूवमेंट रहता है। यहां का वातावरण और आबोहवा बाघ के लिए सबसे बेहतर है, लेकिन किसी तरह यह उम्मीद के मुताबिक जम नहीं पाता। यहां 2018 में बाघों की शिफ्टिंग शुरू की गई थी। पिछले छह साल में दो बाघ अपने शावकों समेत लापता हो चुके हैं, जबकि तीन की मौत हो चुकी है। अब फिर से रिजर्व को आबाद करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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