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राजस्थान में कांग्रेस का भीतरी संकट काफी बढ़ गया है। सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा के बीच अशोक गहलोत समर्थक विधायक भी लामबंद हो गए हैं। साठ से ज्यादा विधायक इस समय मंत्री शांतिलाल धारीवाल के यहां मौजूद हैं। ये विधायक अशोक गहलोत को ही मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए दबाव बना रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, ये विधायक देर शाम होने वाली विधायक दल की बैठक का बहिष्कार भी कर सकते हैं या बैठक में जाकर अपने सामूहिक इस्तीफे का दांव भी चल सकते हैं। मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रभारी महासचिव द्वारा बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक का समय भी सात बजे से बढ़कर साढ़े सात बजे हो गया है।
अशोक गहलोत द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने का एलान करने के बाद से ही उनके सीएम पद पर बने रहने को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में कहा है कि अध्यक्ष का पद एक अहम जिम्मेदारी है। कोई भी नेता एक समय पर दो अहम पदों पर नहीं बना रह सकता। इसके बाद से ही सवाल उठने लगे थे कि अगर गहलोत पार्टी के अध्यक्ष बने तो राजस्थान का नया सीएम कौन होगा?
प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए की प्रक्रिया आज रविवार से शुरू भी हो गई है। इसके लिए शाम विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। जिसमें कांग्रेस सहित सरकार को समर्थन करने वाले कुछ विधायकों को बुलाया गया है। बैठक में शामिल होने के लिए प्रदेश प्रभारी अजय माकन और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी जयपुर आ गए हैं। दोनों नेताओं को ऑब्जर्वर बनाया गया है। यह दोनों नेता विधायकों से बात कर उनसे मुख्यमंत्री पद के दावेदारों को लेकर चर्चा करेंगे।
अब तक मुख्यमंत्री पद को लेकर दो नेताओं के नाम सामने आए हैं। पहले नंबर पर इस पद के लिए सचिन पायलट और दूसरे पर सीपी जोशी दावेदार माने जा रहे हैं। पायलट के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि गहलोत उनके सीएम बनने के खिलाफ बताए जा रहे हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी का नाम आलाकमान को सुझाया है।
इधर, कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले गहलोत गुट के विधायक सक्रिय हो गए हैं। बताया जा रहा है कि गहलोत समर्थक विधायकों ने विधायक दल की बैठक से पहले एक और बैठक रखी है। मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर हो रही इस बैठक में सीएम उम्मीदवार को लेकर रणनीति बनाई जा रही है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि विधायक दल की बैठक में गहलोत समर्थक विधायक शक्ति प्रदर्शन भी कर सकते हैं। वहीं, विधायकों की बैठक को भी शक्ति प्रदर्शन के रूप में जोड़कर देखा जा रहा है।
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