राजस्थान में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना (Mukhyamantri Chiranjeevi Swasthya Bima Yojana) के दायरे को और बढ़ा दिया गया है. राज्य सरकार ने नई दिशा गाइडलाइन जारी कर दिया है. नई गाइडलाइन में बताया गया है कि राजस्थान के गरीब, असहाय एवं निराश्रित परिवार किसी कारणवश चिरंजीवी योजना की निशुल्क श्रेणी में पंजीकृत नहीं हैं तो ऐसे परिवारों को अब जिला कलेक्टर के अनुमोदन पर मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सकेगी. इलाज के बाद योजना से पंजीकरण करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी.
स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे का और विस्तार
उदयपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने बताया कि नई गाइडलाइन के अनुसार गरीब, असहाय एवं निराश्रित का निर्धारण मरीज या साथ आए परिजन के दिए शपथ पत्र के आधार पर किया जाएगा. इसके लिए अस्पताल में मौजूद चिरंजीवी मित्र/स्वास्थ्य मागदर्शक द्वारा प्रपत्र 8 में शपथ पत्र भरवाया जायेगा. शपथ पत्र में बताना होगा कि राजस्थान का निवासी है और उसकी वार्षिक आय 2 लाख रुपए से कम है. शपथ पत्र को चिरंजीवी मित्र के जरिए प्रमाणित कर योजना के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा.
अपलोड करने के साथ ही जिला कलेक्टर या नामित अधिकारी की एसएसओ आईडी पर प्रेषित हो जाएगा. जिला कलेक्टर प्रकरणों के योजना से संबद्ध निजी अस्पतालों की संख्या के अनुपात में अधिकारियों को नामित करेंगे. कलेक्टर की तरफ से नामित अधिकारी प्राप्त आवेदन के आधार पर संबंधित अस्पताल में मरीज से मिलकर और इलाज के बारे में जानकारी लेकर टीआईडी जेनरेशन के 72 घंटों के भीतर बीमारी का पैकेज बुक निशुल्क प्रदान करवाना सुनिश्चित करेंगे. ऐसे परिवारों को 15 दिवस के अंदर चिरंजीवी योजना में पंजीकृत करने की कार्यवाही भी पूरी की जाएगी.
जिस जिले का मरीज वहीं से मिलेगा लाभ
उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीज अगर किसी अन्य जिले का निवासी है तो ऐसी स्थिति में मरीज की पात्रता की जांच एवं इलाज के आवेदन का निस्तारण उसी जिला कलेक्टर की तरफ से किया जाएगा जहा संबंधित अस्पताल स्थित है. लेकिन उसके लिए संबंधित जिले के कलेक्टर से मरीज की पात्रता की जांच की जाएगी. चूंकि योजना गरीब, असहाय एवं निराश्रित परिवारों के लिए है इसलिए सभी आवेदन अस्वीकार किए जाएंगे जिसमें मरीज की तरफ से 850 रुपए की राशि तो जमा करवा दी गई है लेकिन 3 माह पूरी नहीं होने से पॉलिसी अवधि शुरू नहीं हुई है.