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अजमेर। राजस्थान के अजमेर में ऑनलाइन ठगी की वारदातें लगातार बढ़ रही है। अजमेर में इस बार रेलवे के अधिकारी को आर्मी का क्लर्क बनकर करीब डेढ़ लाख रुपये का चूना लगाया है। वहीं ठगी के शिकार को मुकदमा दर्ज करवाने में भी काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। एसपी चूनाराम जाट को भी शिकायत देने के बाद भी मामला दर्ज नहीं किया गया। बाद में रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने आईजी रूपिंदर सिंघ को मामले की जानकारी दी। तब जाकर मुकदमा दर्ज किया गया। उत्तर पश्चिम रेलवे (एनडब्लयूआर) के डिप्टी चीफ सिग्नल टेलीकॉम इंजीनियर संजय सिन्हा ने बताया कि वह अलवर गेट थाना क्षेत्र के पालबीचला में रहता है। उसने अपने मकान को किराए पर देने के लिए ओएलएक्स पर एड डाला था।
एड देखकर उनके पास गुरूवार को संदीप रावत नामक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को आर्मी का क्लर्क बताया और चंडीगढ़ से अजमेर ट्रांस्फर होने की बात कही। संदीप ने उनके मकान का विडियो बनवाकर मंगवाया और इसके बाद पसंद आने की बात कहते हुए तीन माह का किराया 45 हजार रूपए एडवांस देकर बुक करने की मंशा जताई साथ ही उनकी अकाउंट डिटेल्स भी मांगी।
पीड़ित संजय सिन्हा ने कहा कि मकान पत्नी के नाम से है तो उन्होंने पत्नी सीमा सिन्हा के अकाउंट की डिटेल्स संदीप रावत को भेज दी। संदीप रावत ने ऑफिस जाकर रूपए ट्रांस्फर करवाने की बात कही। बाद में जोरा सिंह नामक व्यक्ति ने उन्हें कॉल किया और खुद को आर्मी का कैप्टन बताते हुए अकाउंट नंबर पर सर्वर डाउन होने की जानकारी दी और उनका गूगल अकाउंट खुलवाकर अपना अकाउंट नंबर एड करवाया। साथ ही बेनिफिशियरी में उसकी पत्नी का नाम लिखने को कहा। जिससे कि उसे यह लगे कि यह पैसे उसकी पत्नी के अकाउंट में आ जाएंगे। इसके बाद 45 हजार रुपये का अमाउंट एड करने को कहा जैसे ही उसने यह किया और रुपये अकाउंट में नहीं आए तो कथित कैप्टन को कहा तो उसने रिपेमेंट करने को कहा। इसके बाद भी अकाउंट में रुपये नहीं आने पर कथित कैप्टन ने पत्नी के अकाउंट में शेष बचे 8 हजार रुपये भी ट्रांस्फर करवा लिए।
पीड़ित रेलवे अधिकारी संजय सिन्हा ने कहा कि पत्नी का अकाउंट खाली होने के बाद शातिर ने उनके अकाउंट से रुपये ट्रांस्फर करवाए। एक बार में 45 हजार और दूसरी बार में दस हजार रूपए भी करवा लिए। इसके बाद उसके ऑफिस से कॉल आने के कारण वह ऑफिस चला गया। बाद में जब उसने अपने दिमाग पर जोर डाला तो उसे अपने साथ ठगी होने का अहसास हुआ। सिन्हा ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के संबंध में उसने अपने ऑफिस के सीनियर ऑफिसर को भी बताया तो सीनियर ऑफिस ने तुरंत थाने जाकर रिपोर्ट देने की बात कही।
सिन्हा ने कहा कि वह अलवर गेट थाने पहुंचा तो उसे तुरंत साइबर सैल में जाकर शिकायत करने को कहा। वह साइबर सैल पहुंचा तो 1930 पर उसकी शिकायत तो रजिस्टर करवा दी गई, लेकिन मुकदमा अलवर गेट थाने में दर्ज करवाने की बात कहकर रवाना किया गया। जब वह अलवर गेट थाने पहुंचा तो वहां भी मुकदमा दर्ज नहीं करके परिवाद में रखने की जानकारी देकर चलता कर दिया। इससे उसे धक्का लगा। सिन्हा ने बताया कि रेलवे के अधिकारी को इस संबंध में बताया तो उन्होंने एसपी चूनाराम जाट का नंबर दिया साथ ही फोन करने की बात भी कही। सिन्हा का आरोप है कि एसपी चूनाराम जाट को कॉल्स किए और व्हाट्सएप पर भी शिकायत देकर कार्रवाई की गुहार लगाई। इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई और ना ही उसका फोन उठाया गया।
सिन्हा ने कहा कि इतनी राशि जाने के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उसने रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी विवेक रावत से बात करके अपनी पीड़ा बताई। उन्होंने इस संबंध में आईजी रूपिंदर सिंघ से बात की। सिन्हा ने कहा कि आईजी सिंघ ने मुकदमा दर्ज करने के लिए निर्देशित किया। इसके बाद उन्हें पत्नी के साथ थाने बुलवाया गया और इसके बाद मुकदमा दर्ज किया है। अलवर गेट थाना पुलिस ने पीड़ित की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
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