राजस्थान

रोटेदा से मंडावरा के बीच अधूरा पड़ा है कोटा, लोग अतिरिक्त चक्कर लगाने की मजबूरी

Admin Delhi 1
3 Jan 2023 1:45 PM GMT
रोटेदा से मंडावरा के बीच अधूरा पड़ा है कोटा, लोग अतिरिक्त चक्कर लगाने की मजबूरी
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कोटा: बारां व बूंदी जिलों को जोड़ने वाला दूदू-नैनवां स्टेट हाइवे 37 ए का रोटेदा-मंडावरा के बीच अधूरा पड़ा टुकड़ा वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। जानकारी के अनुसार 3 दशक पहले तत्कालीन प्रदेश सरकार ने पुलिया व सड़क निर्माण का कार्य शुरू करवाया था। लेकिन मंडावरा के निवासियों में सड़क निर्माण को लेकर सहमति नहीं बनने से विवाद हो गया। इसके कारण सीताराम आश्रम से मंडावरा बस स्टैंड तक सड़क निर्माण अधूरा रह गया। सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा इसके निर्माण के लिए प्रस्ताव भिजवाए गए। लेकिन घड़ियाल अभयारण्य व वन विभाग की कुछ भूमि होने के कारण प्रस्ताव गति नहीं पकड़ पाया। वर्तमान में सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त और जर्जर हो जाने के कारण राहगीरों का निकलना दूभर हो गया है। बरसात के मौसम में इस रास्ते से आवागमन करना दूभर हो जाता है। अधूरे पड़े निर्माण कार्य से मंडावरा-बड़ौद क्षेत्र का विकास रुका हुआ है।

बारिश में आएगी परेशानी: व्यापार संघ अध्यक्ष कंहैयालाल गोचर ने बताया कि करीब डेढ़ किलोमीटर कच्ची सड़क होने के कारण हल्की बारिश होते ही कीचड़ फैल जाता है। जिससे यहां से आवागमन दूभर हो जाता है। इस अधूरे पड़े निर्माण से क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

बनने के बाद बचेगा लम्बा चक्कर: जगन्नाथ प्रजापत का कहना है यदि इस अधूरे टुकड़े पर सड़क निर्माण की स्वीकृति मिल जाती है तो वाहन चालकों के लिए 100 किलोमीटर का चक्कर बच जाएगा। क्षेत्र के 4 दर्जन से अधिक छोटे-बड़े गांव के बाशिंदों को परिवहन व रोजगार का लाभ मिलेगा। कोटा, बूंदी, बारां, मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के अलावा इससे सटे जिलों के लिए भी यह फायदेमंद होगा। इसके बन जाने से दो राष्टÑीय राजमार्ग, चार स्टेट हाइवे व एक मेगा हाइवे आपस में सीधे जुड़ जाएंगे।

मतदान के बहिष्कार के बावजूद नहीं हुआ समाधान:

ग्रामीणों ने इस अधूरी पड़ी सड़क के निर्माण की मांग को लेकर पंचायत के चुनावों में मतदान का बहिष्कार कर दिया था। इसके बावजूद आज तक इस अधूरी पड़ी सड़क का कार्य नहीं हो सका।

इनका कहना है:

स्टेट हाइवे पर अधूरे पड़े टुकड़े का निर्माण नहीं होने से क्षेत्र का विकास अवरुद्ध है। सड़क के निर्माण के लिए सम्बंधित अधिकारियों को कई बार अवगत करा दिया गया है।

-मोहनलाल वर्मा, सरपंच, मंडावरा

यह लम्बे समय से अटका हुआ मामला है। इस मामले को विधानसभा में उठा चुका हूं। सरकारों को पत्र लिखकर वन्य जीव विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करवाने के लिए प्रयासरत हूं। वित्तीय स्वीकृति भी जारी हो चुकी है। वन विभाग व अभयारण्य होने के कारण केंद्र सरकार से उम्मीद है कि शीघ्र ही अनापत्ति प्रमाण पत्र की स्वीकृति जारी करवाकर क्षेत्र की मुख्य समस्या का निस्तारण करेगी।

-रामनारायण मीणा, विधायक, पीपल्दा विधानसभा

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