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राजस्थान | डॉ. सुशील सिंह चौहान प्रदेश की हर ग्राम पंचायत और शहरी वार्ड में महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती पर सवाल उठने शुरू हाे गए हैं। ऐसा इसलिए है, क्याेंकि चयन प्रक्रिया में सरकारी अफसराें के साथ कांग्रेस के 3 नेताओं को भी शामिल किया जा रहा है। कांग्रेसी नेताओं की मौजूदगी को लेकर भाजपा ने विरोध शुरू कर दिया है। कहा- ये तो चुनावी साल में कांग्रेस का प्रचार करेंगे।भाजपा का आराेप है कि भर्ती के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर महात्मा गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए लोगों के साथ ही इसमें शामिल नहीं हुए लाेगाें तक के अनुभव सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं।
महात्मा गांधी दर्शन संस्था सीधे ताैर पर कांग्रेस से ही जुड़ी हुई है। इसमें प्रशिक्षण लेने वाले लाेग भी कांग्रेस विचारधारा के हैं। ऐसे में आशंका यह है कि चुनाव से पहले एक साल के लिए भर्ती होने वाले प्रेरक विभाग के नाम पर कांग्रेस पार्टी के लिए प्रचार-प्रसार कर सकते हैं। यह भर्ती शांति एवं अहिंसा विभाग की ओर से की जा रही है। इसके तहत सभी जिला कलेक्टर को आदेश जारी किए गए। इसके बाद 14 अगस्त को विज्ञप्ति जारी करने के साथ 16 से 29 अगस्त के बीच आवेदन आमंत्रित करने को कहा गया था। प्रेरक के लिए आवेदन की आयु 21 से 50 साल रखी गई है। उन्हें प्रतिमाह 4500 तक रुपए दिए जाएंगे। आवेदक अपने राजस्व गांव और शहरी वार्ड के लिए ही आवेदन कर पाएगा। इंटरव्यू की तारीख 1 सितंबर से 15 सितंबर तक तय है। बता दें कि प्रदेश में 11,283 ग्राम पंचायतें और 252 नगर निकाय हैं। कुल मिलाकर सभी पंचायताें के अलावा सैकड़ों की संख्या में प्रेरक भर्ती हाेंगे। गांधी दर्शन से जुड़े प्रतिनिधियों में अधिकांशत: कांग्रेस नेता हैं। इसी साल जून- जुलाई माह में हुए महात्मा गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस विचारधारा से जुड़े लोगों को ही प्रशिक्षण दिया गया था।
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Harrison
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