राजस्थान
पंजाब की कांग्रेस सरकार के विज्ञापन ने बढ़ाई सीएम अशोक गहलोत की दुविधा
Deepa Sahu
9 Nov 2021 11:21 AM GMT
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पंजाब की कांग्रेस सरकार के पेट्रोल व डीजल की दरों में कमी करने के विज्ञापन ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की दुविधा बढ़ा दी है।
जयपुर। पंजाब की कांग्रेस सरकार के पेट्रोल व डीजल की दरों में कमी करने के विज्ञापन ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की दुविधा बढ़ा दी है। पंजाब सरकार ने समाचार-पत्रों में विज्ञापन देकर पड़ोसी राज्यों से अपने यहां पेट्रोल और डीजल की तुलना का चार्ट पेश किया है। विज्ञापन में राजस्थान में पड़ोसी राज्यों से ज्यादा दर बताई गई है। पंजाब में कांग्रेस सरकार द्वारा दर कम करने और फिर विज्ञापन छपवाने के बाद गहलोत सरकार के सामने संकट उत्पन्न हो गया है। अब तक गहलोत केंद्र सरकार से उत्पाद शुल्क में और कमी करने की मांग करते हुए राज्य में वैट कम करने का मुददा टाल रहे थे। लेकिन अब गहलोत सरकार पर पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने का दबाव बढ़ेगा ।
इसी बीच मंगलवार को सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि केंद्र सरकार ने अतिरिक्त और विशेष उत्पाद शुल्क पहले तो बहुत ज्यादा बढाया और बाद में कुछ कम कर दिया। साथ ही राज्यों से वैट कम कराने के लिए आपसी कम्पिटीशन (प्रतिस्पर्धा ) का माहौल बना दिया है। यह कॉपरेटिव फेडरेलिज्म की भावना के खिलाफ है। गहलोत ने पीएम से अतिरिक्त् और विशेष उत्पाद शुल्क में और कमी करने की मांग करते हुए कहा कि पेट्रोलियम कम्पनियों को पेट्रोल और डीजल की दरों में लगातार बढ़ोतरी नहीं करने के लिए पाबंद किया जाए ।
पंजाब ने तीन राज्यों से तुलना की
पंजाब सरकार ने स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर पंजाब में पेट्रोल 10 और डीजल 5 रुपए सस्ता होने की बात कही है। विज्ञापन में दिल्ली,हरियाणा और राजस्थान से तुलना करते हुए पेट्रोल-डीजल की दर दी गई है। तीनों राज्यों में पंजाब में सबसे कम और राजस्थान में सबसे ज्यादा दर दिखाई गई है। उधर गहलोत ने कहा कि केंद्र द्वारा उत्पाद शुल्क कम किए जाने से राजस्थान में पेट्रोल पर 3.4 और डीजल पर 3.9 रूपए प्रति लीटर वैट स्वत:कम हो गया है। इससे राज्य सरकार के राजस्व में प्रतिवर्ष 3500 करोड़ का नुकसान होगा । उन्होंने कहा कि राज्यों के हिस्सों में लगातार कमी की जा रही है। विकास कार्यों के लिए राजस्व जुटाने के लिए कर लगाना राज्यों को संविधान से मिल हुआ अधिकार है। उन्होंने कहा कि राज्य के कुल राजस्व का 22 फीसदी पेट्रोल और डीजल के वैट से मिलता है।कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने
राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि वैट से मिलने वाला पैसा विकास कार्यों पर खर्च होता है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के कारण मोदी सरकार ने दर कम की है। वहीं भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा,अब तक पंजाब की कांग्रेस सरकार ही गहलोत सरकार पर महंगा पेट्रोल-डीजल बेचने का आरोप लगा रही है।
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