जयपुर: चांदी की टकसाल पर रामप्रसाद मीणा के साथ ही अब आगरा रोड निवासी संजय पांडे की आत्महत्या प्रकरण से भी जयपुर की सियासत गरमा गई है। मीणा का पांच दिन बाद भी अंतिम संस्कार नहीं हो सका। वहीं पांडे का शव सवाईमानसिंह अस्पताल की मोर्चरी में ही रखा है। परिजनों ने उसे लेने से मना कर दिया है और यहां भी भाजपाइयों ने धरना दे दिया है।
मोर्चरी के बाहर सुबह भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, शहर अध्यक्ष राघव शर्मा, पूर्व शहर अध्यक्ष संजय जैन भाजपाइयों के साथ पहुंच गए। भाजपाइयों से बातचीत के बाद परिजनों ने शव को लेने से मना कर दिया। भाजपाइयों ने पहले जेएलएन रोड पर धरना देना चाहा, लेकिन बाद में पुलिस उन्हें वहां से हटा दिया। फिर मोर्चरी के बार सड़क पर वे बैठे। बाद में भाजपा राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा, जयपुर सांसद रामचरण बोहरा, पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हिमांशु शर्मा, एसटी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष जितेन्द्र मीणा भी मौके पर पहुंचे। रोज दोपहर 12 से सायं 5 बजे तक मोर्चरी के बाहर ही धरना दिया जाएगा।
राघव शर्मा ने बताया कि डेयरी बूथ और संविदा पर परिजन को नौकरी की मांग मानी गई है, लेकिन पचास लाख रुपए मुआवजा और कांग्रेस के क्षेत्रीय नेता सहित आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले सभी लोगों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई तक शव को नहीं लिया जाएगा।