राजस्थान

प्रोफेसर का मामला विदेश जाने की अनुमति का लंबा इंतजार, डॉक्टरों ने किया विरोध

Bhumika Sahu
29 May 2023 9:22 AM GMT
प्रोफेसर का मामला विदेश जाने की अनुमति का लंबा इंतजार, डॉक्टरों ने किया विरोध
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चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी से अनुमति लेना जरूरी है।
जयपुर। प्रदेश के किसी भी मेडिकल कॉलेज के टीचर्स (सीनियर डॉक्टर्स, प्रोफेसर, एसो. प्रोफेसर) को यदि विदेश जाना है तो उसे चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी से अनुमति लेना जरूरी है। हालात यह हैं कि इस अनुमति को लेने में ही एक-दो महीने तक लग जाते हैं। अभी भी विभाग के पास दर्जनों ऐसी एप्लीकेशन पेंडिंग हैं।कई बार बच्चों के पास जाने या अन्य कारणों से अचानक विदेश जाना पड़े तो समस्या खड़ी हो जाती है। ऐसे में यदि सम्बन्धित कॉलेज के प्रिंसिपल ही यह अनुमति दे सकें तो इस परेशानी का हल हो सकेगा। इसके अलावा फैमिली पेंशन की समय सीमा पहले से रिटायर होने के 7 साल बाद यानि कि 67 साल तक तय की हुई है, लेकिन पहले सभी प्रोफेसर की रिटायरमेंट उम्र 60 साल थी, जाे कि अब 65 साल है। ऐसे में फैमिली पेंशन महज दो साल मिल रही है जो कि सात साल तक मिलनी चाहिए।
राजस्थान मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (आरएमसीटीए) की ओर से कुछ ऐसी ही मांगों को लेकर पिछले दस सालों से संघर्ष चल रहा है। आरएमसीटीए के प्रेसीडेंट डॉ धनंजय अग्रवाल, वाइस प्रेसीडेंट डॉ. राकेश जैन और सेक्रेट्री डॉ. सुशील भाटी बताते हैं- एक प्लंबर भी घर आने के 500 रुपए लेता है और सरकार ने हमारी फीस 200 रुपए तय कर रखी है।
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