राजस्थान

डेंगू मरीजों से निजी अस्पतालों के बेड फुल, सरकारी में खाली

HARRY
22 Oct 2022 5:58 AM GMT
डेंगू मरीजों से निजी अस्पतालों के बेड फुल, सरकारी में खाली
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कोटा । शहर में बारिश का दौर थमते ही मौसमी बीमारियों के साथ डेंगू मलेरिया के मरीजों की संख्या लगतार बढ़ रही है। इस बार सरकारी अस्पतालों में डेंगू मरीज एक दो आ रहे है जबकि निजी अस्पतालों में डेंगू और प्लेटलेट्स कम होने वाले मरीजों की संख्या दोगुनी चल रही है। कई बड़े निजी अस्पतालों में बेड फूल चल रहे हैं। कई लोगों का फ्लोर पर लेटाकर इलाज किया जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि इस बार सरकारी अस्पतालों में डेंगू पॉजीटिव नहीं बताकर अज्ञात बीमारी से प्लेटलेट्स कम होने को कारण बताया जा रहा है।

जिससे से डेंगू के मरीजों की संख्या सरकारी में नगण्य ही है। इसके विपरीत निजी अस्पतालों में बेड खाली नहीं है। उल्लेखनीय है कि शहर में औसत रोज 12-13 हजार घरों का सर्वे किया जाना बताया जा रहा है, फिर भी मच्छर जनित बीमारी फैल रही है। कोटा जिला इन दिनों मच्छरजनित बीमारी की जकड़ में है। शहर के साथ साथ गांवों में भी डेंगू, स्क्रब टायफस, चिकनगुनिया के मरीज सामने आ रहे हंै।

चिकित्सा महकमें ने मौसमी बीमारी के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। रोज औसत 12-14 हजार घरों का सर्वे किया जा रहा है। उसके बाद भी डेंगू का मच्छर काबू में नहीं आ रहा है। उल्टा दिन ब दिन लोगों को बीमार कर रहा है। जिससे पॉजिटिव केस का आकंड़ा बढ़ता जा रहा है। अस्पतालों की ओपीडी फुल चल रही है। लैब में सैम्पल देने वालों का तांता लगा हुआ है। सिस्टम पर भारी पड़ रहा है डेंगू का डंक । एक जनवरी से 20 अक्टूबर तक सरकारी आंकड़ो में डेंगू के 132 मरीज ही रिकार्ड में दर्ज हुए है। वहीं निजी अस्पतालों मरीजों के डेंगू से प्लेटलेट्स कम होने से एसडीपी चढ़ाई जा रही है। डेंगू के चलते ब्लड बैंकों में एसडीपी की डिमांड बढ़ गई है।

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