राजस्थान

भारवाहक पशुओं को दोपहर में काम में नहीं लेने को लेकर की समझाइश पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम

Tara Tandi
11 May 2024 11:47 AM GMT
भारवाहक पशुओं को दोपहर में काम में नहीं लेने को लेकर की समझाइश पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम
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चूरू। जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट पुष्पा सत्यानी के निर्देशानुसार शनिवार को जिला मुख्यालय के निकटवर्ती रामसरा गांव में हाईवे के निकट दुबई स्टाइल रेस्टोरेंट टीला पर पशुपालन विभाग व पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने पशुपालकों को भारवाहक पशुओं को दोपहर में काम में नहीं लेने को लेकर समझाइश की तथा पशु क्रूरता रोकथाम संबंधी नियमों की जानकारी देते हुए पाबंद किया।
पशुपालन विभाग के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. निरंजन लाल चिरानिया व चूरू सदर थाना पुलिस द्वारा मौके पर उपस्थित सभी ऊंटपालकों व घोड़ी पालकों को पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम, 1960 के प्रावधानों की जानकारी दी एवं ऊंट व घोड़े आदि पशुओं को दोपहर 12 बजे से 03 बजे तक काम में नहीं लेने के लिए सख्ती से पाबन्द किया। इस दौरान सभी ऊंटपालकों व घोड़ा घोड़ीपालकों की सूची बनाकर दोपहर के समय पशुओं को पर्याप्त चारा, पानी व छाया की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के लिए पाबंद किया।
डॉ चिरानिया ने बताया कि उल्लंघन करने वाले पशुपालकों के विरूद्ध पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम, 1960 की धारा 11 के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने बताया कि चूरू वृत्ताधिकारी सुनिल झाझड़िया के समन्वय से प्रथम चरण में सभी ऊंटपालक व घोड़ा घोड़ीपालक को समझाईश की जा रही है। इसी के साथ सघन मॉनिटरिंग की जायेगी एवं दोपहर 12 बजे से 03 बजे तक पशुओं को काम में लेता हुआ पाया जाने व शहरभर में भी गाड़ी वाहन, रेहड़ी से गधे, खच्चर, टट्टू, पॉनी, बैल आदि को भारवाहन हेतु काम में लेता हुआ पाया जाने वालों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जायेगी।
इस दौरान डॉ. ईदरीश, संजय, पशुधन सहायक भंवरलाल डूडी, सरजीत एवं सुरेन्द्र सहित अन्य उपस्थित रहे।
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