राजस्थान
प्राथमिक शिक्षा को माध्यमिक में विलय करने की तैयारी, अब खंडों का विलय
Ashwandewangan
1 Sep 2023 9:39 AM GMT
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प्रदेशभर में पहली से आठवीं तक के सर्वाधिक सरकारी और प्राइवेट स्कूल
बीकानेर। बीकानेर प्रदेशभर में पहली से आठवीं तक के सर्वाधिक सरकारी और प्राइवेट स्कूल है। इन स्कूल्स में लाखों की संख्या में स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं और हजारों टीचर्स पढ़ा रहे हैं। इसके बाद भी विभाग के आला अधिकारी का पद खाली पड़ा है। वो भी एक-दो महीने या साल-छह महीने से नहीं, बल्कि पिछले चार साल से राज्य में प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक का पद खाली है। पिछले दिनों माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम ने प्रारम्भिक शिक्षा के कुछ सेक्शन को माध्यमिक शिक्षा में मर्ज कर दिया है। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इस निदेशालय को बंद किया जा सकता है। बीकानेर के एक ही परिसर में संचालित होने वाले प्रारम्भिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को पिछले चार साल से एक ही आईएएस अधिकारी मिल रहा है, जिसके पास दोनों के निदेशक का दायित्व होता है। मूल रूप से माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पद पर अधिकारी आते हैं, जो प्रारम्भिक शिक्षा का अतिरिक्त कार्यभार देखते हैं। अब चार साल से ये परम्परा बन गई है कि एक ही अधिकारी आएगा। प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक के रूप में ओम प्रकाश कसेरा अंतिम निदेशक थे। वर्ष 2019 के बाद आए सभी निदेशक कार्यवाहक ही रहे।
पूर्व में स्कूल शिक्षा से जुड़े एक ही निदेशक थे, जिनका पद नाम "प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशक" था। बाद में नवम्बर 1997 में इसे अलग-अलग कर दिया गया। तब प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक का पद सृजित किया गया। अब इसकी उपयोगिता पर सवाल खड़ा हो रहा है। पिछले दिनों माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम ने एक आदेश जारी करके प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय के कुछ अनुभागों को माध्यमिक शिक्षा के साथ मर्ज कर दिया। इसमें प्राइवेट स्कूल को मान्यता देने वाला अनुभाग शामिल है। कक्षा से आठ तक की मान्यता अब तक प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय देता रहा है लेकिन अब कक्षा एक से बारह तक के सभी स्कूल्स की मान्यता का काम एक ही अनुभाग से होगा, जो माध्यमिक शिक्षा में संचालित है। इससे पहले विभागीय जांच का अनुभाग भी मर्ज हो चुका है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सरकारी स्कूल को मान्यता देने और नए खोलने के लिए सरकारी स्कूल प्रकोष्ठ का गठन कर दिया। जिसमें उप निदेशक रमेश हर्ष को प्रभारी बनाया गया। इस अनुभाग के पास पहली से बारहवीं तक के सभी स्कूल का काम होगा। इसी तरह प्राइवेट स्कूल ग्रुप बना दिया गया है। जिसमें उप निदेशक सुनीता चावला को प्रभारी बनाया गया है। ये सभी प्राइवेट स्कूल का काम करेगा। पूर्व में शिक्षा निदेशक रहे गौरव अग्रवाल ने तो प्रारम्भिक शिक्षा के निजी सचिव और स्टाफ ऑफिसर को भी साथ बिठा दिया था। हालांकि ये व्यवस्था कुछ दिन के ही चल सकी थी। अब दोनों स्टाफ ऑफिसर अलग ही बैठ रहे हैं।
उधर, अनुभागों को मर्ज करने के आदेश पर कर्मचारियों में काफी विरोध है। शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ ने इन आदेशों के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर ली है। मंच के संरक्षक राजेश व्यास ने बताया कि जब पहले से दो अलग-अलग निदेशालय चल रहे हैं तो उन्हें मर्ज करने का प्रयास क्यों हो रहा है। काम का विकेंद्रीकरण होगा, तभी स्कूल्स का सही संचालन हो सकता है। इसी संगठन के प्रदेशाध्यक्ष कमल आचार्य का कहना है कि एक तरफ तो महात्मा गांधी स्कूल्स के लिए नया सेटअप बन रहा है, वहीं दूसरी और हजारों स्कूल चलाने वाले प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय को मर्ज किया जा रहा है। सभी जिलों में अलग-अलग जिला शिक्षा अधिकारी है। प्रारम्भिक और माध्यमिक के ऑफिस भी हर जिले में अलग है। हाल ही में गठित नए जिलों में भी अलग-अलग ऑफिस बने हैं और अधिकारियों व कर्मचारियों के पद भी अलग-अलग दिए गए हैं।
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प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।
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