राजस्थान
Pratapgarh: विश्व मच्छर दिवस मनाया गया: शक्तिशाली हो गए मच्छर, परिवार को बचाना है
Tara Tandi
20 Aug 2024 12:28 PM GMT
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Pratapgarh प्रतापगढ़ । दुनियाभर में 20 अगस्त का दिन विश्व मच्छर दिवस के रूप में मनाया जाता है। ब्रिटिश डॉक्टर सर रोनाल्ड रॉस ने मादा एनाफिलीज मच्छर की खोज की थी। इस दिन को मनाने का मुय उद्देश्य लोगों को मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करना और बचाव के उपाय बताना है। यह बात मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जीवराज मीणा ने कहीं।
डॉ मीणा ने कहा कि जिला कलेक्टर डॉ अंजली राजोरिया के नेतृत्व में चिकित्सा विभाग रोगों के नियंत्रण एवं उपचार में बेहतर से बेहतर सुविधा दे रहा है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि तीन तरह के मच्छर लोगों को तकलीफ देते हैं। खास बात यह है कि तीनों मच्छर मादा हैं। मादा एनाफिलीज, मादा एडीज व क्यूलेक्स नामक मच्छर से ही बीमारियां फैलती हैं। इसके चलते हर साल बड़ी तादाद में लोग बीमार होकर अस्पतालों में पहुंचते हैं। मच्छरों के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से मच्छर अब शक्तिशाली हो चुके हैं। बारिश के मौसम में जुलाई से अक्टूबर तक रहने वाले मच्छर अब पूरे साल रहने लगे हैं।
मच्छरों की युवाओं में ज्यादा रुचि
डॉ जीवराज ने जानकारी देते हुए बताया कि मच्छर मनुष्य का खून इसलिए चूसते हैं, क्योंकि इन्हें अंडे देने के लिए बहुत एनर्जी की जरूरत होती है। ये इंसानों ही नहीं, जानवरों का भी खून चूसते हैं। मादा मच्छर के मुकाबले नर मच्छर को रक्त की ज्यादा जरूरत नहीं होती। मच्छर ज्यादातर युवाओं का खून चूस रहे हैं। इससे मरीजों में युवाओं की तादाद ज्यादा है।
ऐसे फैलाते हैं बीमारी
मच्छर खून चूसने के दौरान हमारे अन्दर कुछ ऐसे परजीवी डाल देते हैं, जो बीमारियों के वाहक होते हैं। ये मलेरिया का कीटाणु मनुष्य में फैलाते हैं। इसके बाद मलेरिया पीड़ित को काट कर दूसरे व्यक्ति तक फैला देते हैं। एडीज भी इसी तरह संक्रमण फैलाता है। डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छर के काटे जाने के 3-5 दिनों में डेंगू के लक्षण दिखने लगते हैं। यह अवधि 3 से 10 दिन तक की भी हो सकती है।
कैसे फैलता है
डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह व्यक्ति भी डेंगू पीड़ित हो जाता है। डेंगू से बचने के दो ही उपाय है, एडीज मच्छरों को पैदा होने से रोकना और एडीज मच्छरों के काटने से बचाव करना।
पैदा होने से कैसे रोकें?
मच्छरों को पैदा होने से रोकने के लिए घर या ऑफिस के आसपास पानी जमा नहीं होने दें।
गड्ढों को मिट्टी से भर दें, रुकी हुई नालियों को साफ करें।
अगर पानी जमा होेने से रोकना मुमकिन नहीं है तो उसमें पेट्रोल या केरोसिन डालें।
कूलर, फूलदानों का सारा पानी हते में एक बार और पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज पूरी तरह से खाली करें, उन्हें सुखाएं और फिर भरें।
घर में टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि नहीं रखें। अगर रखें तो उलटा करके रखें।
खिड़कियों और दरवाजों पर बारीक जाली लगवाकर मच्छरों को घर में आने से रोकें।
मच्छरों को भगाने और मारने के लिए क्रीम, स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि इस्तेमाल करें।
फोटो फ्रेस, पर्दों, कैलेंडरों आदि के पीछे और घर के स्टोर रूम और सभी कोनों में दवा छिड़कें।
बचाव के उपाय
ऐसे कपड़े पहनें, जिससे शरीर का ज्यादा हिस्सा ढका रहे। बच्चों के लिए यह सावधानी बहुत जरूरी है। बच्चों को डेंगू सीजन में नेकर व टी-शर्ट नहीं पहनाएं। बच्चों को मच्छर भगाने की क्रीम लगाएं। रात को सोते समय मच्छरदानी लगाएं। किसी को डेंगू हो गया है तो उसे मच्छरदानी के अंदर रखें, ताकि मच्छर उसे काटकर दूसरों में बीमारी नहीं फैलाए।
मच्छर का जीवन चक्र
अंडे से लार्वा, लार्वा से प्यूपा, प्यूपा से वयस्क मच्छर
एक बार में मादा एडिज मच्छर 100-125 अंडे देती है।
अंडे से 2-3 दिन में लार्वा में बदल जाता है।
लार्वा से प्यूपा 4-5 दिन में बन जाता है।
प्यूपा से वयस्क मच्छर 1-2 दिन में बन जाता है।
वयस्क मच्छर 2-3 सप्ताह तक जीवित रहता है।
एडिज मच्छर के सर्वाइवल के लिए अनुकूल तापमान 18 से 32 डि.से. एवं 60-80 प्रतिशत आर्द्रता होती है।
अंडे कहां देता है
मच्छर साफ पानी में अंडे देती है। टंकी, कूलर, बोतल, टायर, नारियल के खोल, डिस्पोजल, मनी प्लांट, गमले, डिब्बे, परिंडे, लावर पॉट, फ्रिज के पीछे की ट्रे, छत पर पड़ा कबाड आदि जगह।
कैसे और कब होता है डेंगू
चिकित्सा विभाग का सहयोग करे
एनालीज, एडीज व क्यूलेक्स तीनों ही मादा मच्छर हैं, जो बीमारियां फैलाते हैं। मादा एडीज साफ पानी में पनपता है। यह दिन में काटता है। इनके शरीर में चीते जैसी धारियां होती हैं। एक व्यस्क मच्छर 2-3 सप्ताह तक जीवित रहता है। एडीज मच्छर घरों में अंधेरे कोनों, परदे के पीछे, कपड़ों पर टेबल के नीचे छुपा रहता है।
डॉ जीवराज मीणा ने मच्छर जनित बीमारियों से निपटने के लिए चिकित्सा विभाग का सहयोग करने की अपील की हैं।इसके लिए डेंगू-मलेरिया पर वार अभियान के तहत हर रविवार ड्राई डे मनाएं। इस दिन घरों टंकियां, कूलर व अन्य स्थानों की सफाई करें, तभी हम प्रतापगढ़ को कामयाब बना सकते हैं।
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रात्रि चौपाल सेमलिया में 21 अगस्त को आयोजित होगी’
प्रतापगढ़ 20 अगस्त। जिला कलक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया की अध्यक्षता में ब्लॉक सुहागपुरा की ग्राम पंचायत सेमलिया के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सेमलिया में 21 अगस्त, बुधवार को सांय 7 बजे से रात्रि चौपाल का आयोजन किया जाएगा।
जिला कलक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया ने आदेश जारी कर बताया कि रात्रि चौपाल में संबंधित उपखंड अधिकारी, समस्त उपखंड स्तरीय अधिकारी, विकास अधिकारी, विभागीय जिला स्तरीय अधिकारी, सुहागपुरा ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत स्तर के संबंधित अधिकारी/कर्मचारी भाग लेंगे।
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Tara Tandi
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