कोटा न्यूज़: कोटा में नगर निगम की बंधा धर्मपुरा गौशाला में रोज हो रही गोवंशों की मौतों को रोकने को लेकर समिति ने नया कदम उठाया है। गौवंशों की मौत के पीछे बड़ा कारण पेट में जमा थैलियां थी।
जिसके बाद अब गोवंशों के पेट में जमा थैलियां को बिना ऑपरेशन के निकालने का प्रयोग किया जा रहा है। इसके लिए जयपुर नगर निगम व पशुपालन विभाग के अधिकारी और डॉक्टर कैलाश मोड़े ने निगम की कोटा स्थित गौशाला में इस इलाज का प्रयोग शुरू किया है।
ऐसे होगा इलाज: गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने बताया कि डॉक्टर के बताए फार्मूले के अनुसार 5 गायों को अलग ब्लॉक में 1 महीने तक रखा जाएगा। उन्हें हर रोज 100 ग्राम अरंडी का तेल, 100 ग्राम नीम का तेल 100 ग्राम सरसों का तेल, 100 ग्राम तिल्ली का तेल, सेंधा नमक, फिटकरी व राई को गाय के दूध की छाछ में घोलकर पिलाया जाएगा।
इसके साथ गायों को खाने के लिए केवल हरा चारा ही दिया जाएगा। इससे गाय पेट के अंदर जमा हुई थैलियों को गोबर के साथ बाहर निकाल सकेगी। लगातार एक महीने तक गायों को कर्मचारियों की निगरानी में रखा जाएगा। इससे पहले जयपुर नगर निगम में ऐसे ही प्रयोग की सफलता के बाद पहली बार नगर निगम कोटा की गौशाला में इस प्रोजेक्ट को शुरू किया जा रहा है।