राजस्थान
पॉलीथिन पूरी तरह से प्रतिबंधित है, लेकिन जिले में सालाना करोड़ों का कारोबार
Ashwandewangan
4 July 2023 6:43 AM GMT

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पॉलीथिन पूरी तरह से प्रतिबंधित
अलवर। अलवर पॉलीथिन पर बैन लगे करीब एक साल हो गया लेकिन जिलेभर में धड़ल्ले से बिक रही है। हर सामान इसी पॉलीथिन से घरों तक जा रहा है। बताते हैं कि 30 से ज्यादा गोदाम पॉलीथिन के हैं, जिससे पूरे जिले की दुकानों पर सप्लाई हो रही हैं। जानकारों का कहना है कि सालाना 2500 क्विंटल पॉलीथिन जिले में खपाई जा रही है जिसका मूल्य करोड़ों में है। बताते हैं कि 200 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस पॉलीथिन के जरिए हो रहा है। नगर परिषद इस ओर कोई कदम नहीं उठा रही है।
शहर की सब्जी मंडी से लेकर चूड़ी बाजार, मुख्य बाजार व अन्य दुकानों पर धड़ल्ले से पॉलीथिन में सामान लोगों को दिया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि शहर में पांच से छह गोदाम बड़े संचालित हो रहे हैं जो पॉलीथिन की सप्लाई कर रहे हैं। उन पर आज तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। इसके अलावा जिले की तहसीलों में भी पॉलीथिन की सप्लाई के लिए गोदाम बने हैं। इससे हजारों लोगों का कारोबार चल रहा है। छोटे-छोटे सप्लायर साइकिल आदि से दुकानों में पॉलीथिन पहुंचा रहे हैं। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। शहर में जहां-जहां कूड़ा दिख रहा है उसमें 95 फीसदी पॉलीथिन ही नजर आती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितना इसका प्रयोग हो रहा है। इस पर रोक की जिम्मेदारी नगर परिषद की है लेकिन साल में एक-दो बार ही कुछ लोगों पर कार्रवाई होती है।
जुर्माने से लेकर सजा तक का प्रावधान
औद्योगिक स्तर पर प्लास्टिक के उत्पाद, आयात, भंडारण और बिक्री करने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत दंड का प्रावधान है। सिंगल यूज पॉलीथिन के उपयोग पर चेतावनी देने के बाद भी अगर कोई व्यापारी इसका उपयोग करता हुआ पाया जाता है तो उस पर 20 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है।

Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।
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