राजस्थान

सीएम हाउस में दी गई रोजा इफ्तार पार्टी पर सियासत गर्माई: हिंसा का आरोपित भी हुआ था शामिल

Admin Delhi 1
25 April 2022 10:08 AM GMT
सीएम हाउस में दी गई रोजा इफ्तार पार्टी पर सियासत गर्माई: हिंसा का आरोपित भी हुआ था शामिल
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राजस्थान न्यूज़: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से बाईस अप्रैल को सीएम हाउस में दी गई रोजा इफ्तार पार्टी में छबड़ा हिंसा के मुख्य आरोपित आसिफ हसाड़ी के शामिल होने के मामले में सियासत गर्म हो गई है। भाजपा इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री गहलोत तथा कांग्रेस पार्टी के खिलाफ मुखर हो गई है। प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ व छबड़ा से भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने कथित आरोपित के फोटो शेयर कर मुख्यमंत्री पर हमला बोला है। प्रताप सिंह सिंघवी ने ट्वीट कर लिखा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि छबड़ा हिंसा का मुख्य आरोपित आसिफ हसाड़ी आपकी इफ्तार पार्टी में शरीक हुआ। ऐसे अपराधियों को इफ्तार पार्टी में जगह कैसे मिल गई, इसका पता इंटेलिजेंस विंग को करना चाहिए। उन्होंने छबड़ा थाने में बारां के जिला एसपी कल्याण मल मीणा से मुलाकात करते हुए फोटो शेयर करके लिखा कि विधानसभा क्षेत्र में महिला उत्पीड़न, अपराधों पर रोकथाम सहित छबड़ा दंगे के मामले में लम्बी चर्चा की है। मुख्यमंत्री आवास पर अपराधियों के पहुंचने के बारे में भी चर्चा कर कार्रवाई की मांग की है। सिंघवी ने मंत्री ममता भूपेश और राज्य महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती के साथ भी आरोपी के फोटो शेयर किए हैं। एक फोटो में कांग्रेस एमएलए रफीक खान आरोपी के गले में हाथ डालकर मुस्कुराते हुए दिखाई दे रहे हैं।

प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने गहलोत और कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। पूनिया ने ट्वीट कर लिखा कि कांग्रेस का यह कैसा राज है। जिसमें पीएफआई से प्यार है, बहुसंख्यक को दुत्कार है। मुख्यमंत्री निवास में इफ्तार करके दंगे के आरोपियों को बुलाकर दुलार करते हैं और करौली में आरोपियों को बचाने की कवायद की जा रही है। जबकि अलवर जिले में शिवमंदिर, गोशाला से उन्हें एतराज है। जिस तरह से पहले करौली हिंसा और अब अलवर के राजगढ़ में मंदिर तोड़ने का मामला सामने आया है। वह इस बात सबूत है कि प्रदेश कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करती है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी ट्वीट कर लिखा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इफ्तार पार्टी में छबड़ा हिंसा के मुख्य आरोपी आसिफ हसाड़ी का शरीक होना राज्य सरकार के अपराधियों को संरक्षण देने का प्रमाण है। अपराधी इफ्तार पार्टी में शामिल होते हैं और इंटेलिजेंस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है। वाह सरकार वाह।

फोटो सामने आने के बाद कांग्रेस एमएलए रफीक खान ने सफाई दी। उन्होंने बताया कि उस फोटो में मेरे बाईं ओर छबड़ा के पार्षद हसन भी दिख रहे हैं। इफ्तार में उनके साथ कुछ लोग मिलने आए थे। छबड़ा से आए कांग्रेस पार्षदों की टीम भी वहां पर मौजूद थी। सभी ने अलग-अलग फोटो खिंचवाई और रोजा इफ्तार किया। जिस शख्स के बारे में कहा जा रहा है, उसने अग्रिम जमानत करवा ली है। वह कोर्ट से जमानत पर है। अगर वह दोषी होगा तो उसे सजा मिलेगी। दोषी नहीं होगा तो सजा नहीं मिलेगी। उसके रोजा खोलने के अधिकार को कैसे रोका जा सकता है। यह उसका फंडामेंटल राइट है। पार्षदों के साथ आने वाले सभी लोगों का एग्जामिनेशन नहीं किया जाता है। क्योंकि मौका सामूहिक इफ्तार और भाईचारे का था। मंत्री ममता भूपेश ने बीजेपी पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोगों को फिजूल की बातें करने की आदत है। बीजेपी हर चीज का राजनीतिकरण कर रही है। इस पूरे मामले में बारां एसपी कल्याणमल मीणा का कहना है कि आसिफ हसाड़ी का दंगों की एफआईआर में नाम जरुर था, लेकिन कोर्ट ने उसे अग्रिम जमानत दे दी। ऐसे में उसे कही आने-जाने से कैसे रोका जा सकता है।

गौरतलब है कि बारां जिले के छबड़ा में 11 अप्रैल 2021 को सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी। छबड़ा कस्बे में दो युवकों की छुरा घोंपकर हत्या के बाद हुई हिंसा में दर्जनों वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ व आगजनी की गई थी। हालात काबू में करने के लिए पुलिस ने इंटरनेट बंद कर कर्फ्यू लगाया था। एक निजी ट्रैवल बस, कारों, फायर ब्रिगेड की गाड़ी और अन्य वाहनों को भी आग लगा दी गई थी।

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