जयपुर: प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के हाल ही में दौरे में सर्वे के आधार पर टिकट देने के बयान से कांग्रेस के मंत्री-विधायकों को चिंता बढ़ा दी है। टिकट फॉर्मूले में नेताओं का कमजोर फीडबैक आया तो टिकट पर संकट रहेगा। इसके अलावा इन नेताओं के राजनीतिक-संगठन नियुक्तियों में सुझाए नामों पर भी पुनर्विचार किया जा सकता है।
रंधावा के बयान के नेता अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं। चर्चा है कि राज्य में बजट के बाद इस बार मार्च-अप्रैल से ही टिकट को लेकर कवायद शुरू हो जाएगी। कांग्रेस ने सभी मंत्री-विधायकों के क्षेत्रों में सर्वे शुरू करा रखा है। सर्वे के आधार पर टिकट पैटर्न में बदलाव दिखाई दे सकते हैं। सर्वे रिपोर्ट में जिन मंत्री-विधायकों के नहीं जीतने का फीडबैक आएगा, उनके टिकट काटे जा सकते हैं। वर्तमान में जारी सर्वे के साथ ही सभी 200 सीटों पर एक बड़ा सर्वे और कराया जाएगा, ताकि मौजूदा मंत्री-विधायकों की क्षेत्र में पकड़ और कमियों को जाना जा सके।
नया सर्वे मार्च से सितम्बर तक चलेगा। सर्वे में क्षेत्र के लोगों की राय मुख्य आधार होगी। कमजोर सीटों पर काफी पहले उम्मीदवार घोषित करने की रणनीति पर भी काम हो रहा है। दो बार या अधिक बार चुनाव हार चुके नेताओं का भी सर्वे रिपोर्ट पर फैसला होगा।