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कोटा। कोटा अंक बढ़ाने के एवज में छात्रा से शारीरिक संबंध बनाने के आरोप में जेल में बंद राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू) के एसोसिएट प्रोफेसर समेत तीन आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने आज अदालत में चालान पेश किया. करीब 4000 पन्नों की चार्जशीट में प्रोफेसर और बिचौलिए छात्र की करतूतों की कहानी लिखी गई है। पुलिस ने चार्जशीट के साथ 52 दस्तावेज भी पेश किए हैं। जिसमें अश्लील चैट और स्क्रीन शॉट शामिल हैं। इसमें 37 गवाह बनाए गए हैं।
लोक अभियोजक (पीपी) हितेश जैन ने बताया- जांच में एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार, बिचौलिए छात्र अर्पित अग्रवाल व ईशा यादव के खिलाफ मारपीट, रंगदारी, शारीरिक संबंध बनाने की मांग, मानसिक प्रताड़ना, धोखाधड़ी, आइटी एक्ट व परीक्षा के पेपर में कदाचार का मामला दर्ज किया गया है. पंजीकृत किया गया।एसआईटी की जांच में 50 से ज्यादा ऑडियो मिले थे। इनमें छात्र प्रोफेसर, छात्र प्रोफेसर और पीड़िता के बीच बातचीत होती है। इसमें प्रोफेसर सबके लिए अभद्र भाषा बोल रहे हैं। कुल 30 ऑडियो को जांच के दायरे में लिया गया है। इसकी पूरी ट्रांसस्क्रिप्ट तैयार कर ली गई है। हालांकि तीनों आरोपियों ने वॉयस सैंपल देने से इनकार कर दिया। पुलिस ने उन्हें एफएसएल जांच के लिए भेज दिया है।
इसी छात्रा ने राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा के एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ दादाबाड़ी थाने में शिकायत देकर आरोप लगाया था कि वह उस पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बना रहा है. जिस पर पुलिस ने 20 दिसंबर को मामला दर्ज किया था। पुलिस ने 21 दिसंबर को आरोपी प्रोफेसर गिरीश परमार और बिचौलिए छात्र अर्पित अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद एक अन्य छात्रा ने भी थाने में ऐसी शिकायत दी थी। जांच के लिए एसआईटी गठित जांच के बाद ईशा यादव को भी गिरफ्तार कर लिया गया। प्रोफेसर के काम के कई ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। एसआईटी की टीम ने आरोपियों के वॉयस सैंपल के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी। लेकिन 23 जनवरी को आरोपी ने कोर्ट में वॉयस सैंपल देने से इनकार कर दिया।
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