
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डूंगरपुर। राजस्थान के डूंगरपुर जिले की कोतवाली थाना पुलिस ने अंतर्राज्यीय ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मामले में 3 शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने डूंगरपुर निवासी एक व्यक्ति से निवेश में मुनाफा बताकर 95 लाख रुपये की साइबर ठगी की थी। फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
जिले के कोतवाली थाने के सीआई सुरेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि 6 सितंबर 2021 को रिपोर्ट मिली, जिसमें महिला ने बताया कि उसके पति की मौत 2021 में हो चुकी है. किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसके पति के व्हाट्सएप नंबर पर फोन किया. उसने अपना नाम रोहित शर्मा बताया और कहा कि तुम्हारे पति ने एक निवेश किया था, जिससे काफी मुनाफा हुआ है। उसने विश्वास में आकर 2019 से 2021 तक अपने पति की ओर से अलग-अलग बैंक खातों में 95 लाख 7 हजार रुपये जमा करवाए। निवेश राशि के लाभ के बारे में पति से बात करने से बचती रही।
अधिक प्रीमियम राशि जमा करने की मांग करता रहा। इस पर उन्हें भी ठगी के बारे में पता चला और जब उनसे निवेश की गई 95 लाख रुपये की रकम वापस करने को कहा गया तो उन्होंने फोन बंद कर दिया. सीआई सुरेंद्र सोलंकी ने बताया कि मामला प्रकाश में आने पर साइबर सेल से आरक्षक लोकेंद्र सिंह, विनोद कुमार, मगनलाल, जितेंद्र व हेमेंद्र सिंह की टीम जांच में जुट गई.
साइबर सेल ने फोन नंबरों के आधार पर जांच शुरू की तो साइबर ठगी का पता चला। पुलिस ने खाताधारक सुभाष पंधारी धकाते निवासी अरमोरी जिला गढ़ चिरोली महाराष्ट्र को हिरासत में लिया है। पूछताछ में आरोपी सुभाष ने कुछ रुपयों के लालच में 19 मार्च 2019 को कॉल पर ही रोहित शर्मा को अपना खाता बेचने की बात कही, लेकिन यह भी बताया कि वह रोहित से कभी नहीं मिला.
इस पर पुलिस ने आगे की जांच शुरू की। इस दौरान पुलिस को पता चला कि रोहित नाम का ठग नई दिल्ली में रह रहा है। पुलिस सादे कपड़ों में अलग-अलग जगहों पर रुकी और रोहित नाम के बदमाश की तलाश की। जैसे ही जालसाज की पहचान रोहित के रूप में हुई, उसे पकड़ लिया गया। उसने अपना असली नाम अजय (28) पुत्र प्रदीप कुमार निवासी गीता एन्क्लेव, वाणी विहार, उत्तम नगर, पश्चिमी दिल्ली बताया। उसने मनोज (30) पुत्र राजकुमार गुप्ता निवासी विश्वास पार्क, उत्तम नगर, नई दिल्ली के साथ मिलकर धोखाधड़ी का अपराध स्वीकार किया। इस पर पुलिस ने मनोज गुप्ता को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस इस मामले में उसके गैंग के अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है.
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि नई दिल्ली में फर्जी एलआईसी कार्यालय खोलकर ठगी की घटनाओं को अंजाम देते थे। ये कार्यालय विभिन्न स्थानों पर खोले गए। जीवन बीमा में पैसा दोगुना करने की योजना बताकर लोगों से पैसे ट्रांसफर कराने का झांसा दिया। राजस्थान के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र में भी कई लोगों के साथ ठगी की घटनाएं हो चुकी हैं. फिलहाल पुलिस आरोपियों के बैंक डिटेल और लेन-देन की जांच कर रही है।
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