सवाई माधोपुर: मलारना डूंगर थाना पुलिस ने ऑपरेशन आक्रमण के तहत फर्जी मार्कशीट से सरपंच पद हासिल करने वाले आरोपी रामस्वरूप मीणा निवासी शेषा को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने ACJM (न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) बौंली के वारंट पर 8 साल के बाद गिरफ्तार किया है। इसी तरह पुलिस ने साल 2015 में मलारना चौड़ बजरी नाके पर हुए विवाद के मामले में कोर्ट के वारंट से फरार चल रहे आरोपी शरीफ खान व नबी खान निवासी रसूलपुर को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई पुलिस मुख्यालय जयपुर की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन आक्रमण के तहत एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला के निर्देशन पर थाना अधिकारी लखन सिंह खटाना के नेतृत्व में की गई।
SP हर्षवर्धन अगरवाला ने बताया कि पुलिस मुख्यालय जयपुर की ओर से ऑपरेशन आक्रमण चलाया जा रहा है। जिसके तहत फरार वारंटियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी को लेकर ASP हिमांशु शर्मा, CO सिटी दीपक खंडेलवाल के सुपरविजन में मलारना डूंगर थानाधिकारी लखन सिंह खटाना के नेतृत्व में अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया गया। 22 नवंबर 2015 को शिकायतकर्ता प्रताप सिंह पुत्र भंवर सिंह राजपूत निवासी बिनासर हाउस डाबला चूरु तत्कालीन प्रभारी बजरी नाका मलारना चौड़ ने बजरी नाके पर तोड़फोड़ सहित मारपीट व अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कराया गया था। इसमें पिछले आठ साल फरार चल रहे आरोपी शरीफ पुत्र नसरुद्दीन व नबी खान पुत्र नजीर निवासी रसूलपुर को गिरफ्तार किया। इसी तरह तत्कालीन शेषा ग्राम पंचायत सरपंच रामस्वरूप मीणा पुत्र हजारी मीणा ने फर्जी मार्कशीट लगाकर सरपंच पद हासिल किया था। आरोपी पिछले 8 साल से ACJM बौंली के वारंट से आरोपी फरार था। पुलिस ने आरोपी को 8 साल के बाद गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है।