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डूंगरपुर। दुष्कर्म के बाद बच्ची के गर्भवती होने पर 8 माह के बच्चे का गर्भपात कराने वाला फर्जी बंगाली डॉक्टर 20 साल से फर्जी डिस्पेंसरी चला रहा था। प्रसव के बाद उसने जिंदा नवजात बच्ची को दफनाने के लिए आरोपी को सौंप दी थी। इतना ही नहीं उसने आरोपी को गड्ढा खोदने के लिए कुदाल भी दे दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन झोलाछाप डॉक्टर अभी फरार है। उसके खिलाफ 2019 में एक युवक की मौत का पुलिस केस भी दर्ज था, लेकिन वह कांकराडारा में किराए के मकान में दो कमरों में सोनल क्लीनिक नाम से फर्जी डिस्पेंसरी खोलकर मरीजों का इलाज कर रहा है.
पुलिस ने बताया कि 22 जनवरी 2023 को जब पीड़िता के पेट में दर्द हुआ तो पड़ली फला उदरोत निवासी आरोपी सुभाष रोट उसे गर्भपात कराने के लिए झोलाछाप डॉक्टर विश्वजीत विश्वास कांकराडारा ले गया, लेकिन उम्र 8 साल होने के कारण माह की गर्भवती होने पर उसे प्रसव कराना पड़ा और पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया। इस कारण झोलाछाप डॉक्टर ने बच्ची को कपड़े में लपेटकर उसे दे दिया। वह झोलाछाप के घर से एक पिकेट लेकर बच्ची को गोद में लेकर पैदल कांकराडारा तालाब के पास नाले पर गया और वहां कपड़ा हटाकर देखा तो नवजात की मौत हो चुकी थी। इसके बाद गड्ढा खोदकर नवजात को दबा दिया गया। आरोपी का मकसद गर्भपात कराना और नवजात को दफनाना था। आरोपी कॉलेज द्वितीय वर्ष का छात्र है।
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