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बांसवाड़ा। बांसवाड़ा कुशलगढ़ क्षेत्र के एक गांव में गोकशी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. दिनदहाड़े बदमाशों ने न केवल गाय को मार डाला, बल्कि मांस को आपस में बांटने का भी प्रयास किया. तभी सूचना पर पुलिस ने सूनी झोपड़ी की घेराबंदी कर 3 बदमाशों को पकड़ लिया। वहीं, करीब 5 बदमाश मौके से फरार होने में सफल रहे। पकड़े गए बदमाशों से पता चला कि ये लोग अंधविश्वासी हैं। बदमाशों का कहना था कि सर्दियों में बीफ खाने से अस्थमा जैसी बीमारी दूर हो जाती है. हालाँकि, यह क्षेत्र ईसाई मिशनरियों का क्षेत्र है, जहाँ अधिकांश आदिवासी परिवारों ने ईसाई धर्म अपना लिया है। मामला कुशलगढ़ थाना क्षेत्र के सिमेला गांव का है।
एएसआई राजेश कुमार ने थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि सिमेला निवासी पेमा अड़ की कच्ची झोपड़ी में गोकशी की सूचना रविवार को मुखबिर से मिली थी. सूचना पर पुलिस करीब 2 किमी पैदल मार्ग से मौके पर पहुंची, जहां झोपड़ी का घेराव किया। मौके पर गाय का सिर धड़ से अलग मिला। जहां से कुछ लोग भागने में सफल रहे। वहीं, पुलिस ने सिमेला निवासी कोमचंद्र आड़, ऐतरा आड़ व डूंगलापानी निवासी गोवर्धन डिंडोर को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं आरोपी के खिलाफ 3/8, राजस्थान मवेशी वध अधिनियम 1995 के तहत मामला दर्ज किया गया था. मामले की जांच एएसआई उदय सिंह को सौंपी गई है. पुलिस ने घेराबंदी की तो मौके से बीफ से जुड़े तमाम साक्ष्य मिले। वहीं, मौके से पुलिस ने घटना में प्रयुक्त कुल्हाड़ी, चाकू, रस्सी व 5 कट्टे बरामद किए हैं। बदमाश अपने खाने के अलावा मांस बेचने का प्रयास कर रहे थे। आपस में बंटवारा हो रहा था। मौके पर पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा सैंपल लेकर एफएसएल के लिए भेजा गया। नवागांव ग्राम पंचायत के सिमेला में गोकशी की सूचना सामने आने के बाद से हिंदू संगठनों में आक्रोश बढ़ गया है. मामले में हिंदू युवा आदिवासी संगठन की ओर से आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर थानाध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा गया. यहां संगठन जिलाध्यक्ष कमलेश डामोर, कुशलगढ़ प्रखंड अध्यक्ष दशरथ डाबी, जिला महासचिव पारसिंह डामोर, जिला कोषाध्यक्ष प्रकाश खड़िया, रणवीर अमलियार, सुभाष सोलंकी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.
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