कोटा: कॉस्मेटिक सर्जरी करवाने आए मरीज की मौत के 11 माह पुराने मामले में जवाहरनगर पुलिस ने शीला चौधरी रोड स्थित दिव्य आलोक हॉस्पिटल के सर्जन डॉ. आलोक गर्ग के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 ए में एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने तब सीआरपीसी की धारा 174 में मर्ग दर्ज किया था। साथ ही सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मेडिकल कॉलेज स्तर पर जांच कमेटी गठित करवाई थी।
पुलिस को 15 जुलाई को कमेटी से रिपोर्ट मिल गई, इसी के आधार पर अब धारा 304-ए (असावधानी से मानव वध) में एफआईआर दर्ज की। सीआई वासुदेवसिंह की ओर से दी रिपोर्ट के अनुसार मेडिकल कॉलेज स्तर पर एडिशनल प्रिंसिपल प्रथम के संयोजन वाली कमेटी ने रिपोर्ट में माना कि ‘डॉ. आलोक गर्ग द्वारा घनश्याम को ईटी ट्यूब नहीं डल पाई तो नेक कॉन्ट्रेक्चर रिलीज करके इंट्यूबेशन के लिए गर्दन में चीरा लगाया गया। चीरा गहरा होने से नसें व मांसपेशियां गई। काफी खून बहा आैर मरीज शॉक में चला गया। यही मृत्यु का कारण बना।’ जांच प्रशिक्षु आरपीएस शिवराज सिंह कर रहे हैं।
स्वयं गाड़ी ड्राइव करके अस्पताल पहुंचा था मरीज
एफआईआर के अनुसार, जय हिंदनगर निवासी घनश्याम मीणा (59) 9 सितंबर 2022 को आलोक हॉस्पिटल खुद अपनी गाड़ी ड्राइव करके पहुंचे। परिजन कल्पेश मीणा का आरोप है कि उन्हें कॉस्टमेटिक सर्जरी करवानी थी, स्थिति गंभीर नहीं थी। फिर भी तत्काल ऑपरेशन के लिए उकसाया। किसी जागरूक परिजन को सूचित नहीं किया। न किसी को ‘डेथ अॉन टेबल’ के बारे में बताया। डॉक्टर की लापरवाही के चलते अप्राकृतिक मृत्यु हो गई।