राजस्थान

योजनाएं तो आये दिन बनीं लेकिन झील में गंदे पानी का आना नहीं रुका

Admin4
8 Oct 2023 12:00 PM GMT
योजनाएं तो आये दिन बनीं लेकिन झील में गंदे पानी का आना नहीं रुका
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अजमेर। अजमेर पुष्कर तीर्थ सरोवर में गंदा पानी गिरने की समस्या का समाधान अभी तक नहीं हुआ है। बरसाती पानी के साथ सीवरेज का पानी पुष्कर सरोवर में पहुंच रहा है। पिछली दो सरकारों ने सीवरेज के पानी की आवक रोकने के लिए योजनाएं बनाई लकिन पर घोषणाएं कागजी बनकर रह गई। सरोवर के अस्तित्व को बचाने के लिए धरातल पर योजना को साकार करने की जरूरत है। बरसात में चलना भी दुश्वार : कस्बे के वराह घाट, परिक्रमा मार्ग, जयपुर घाट, गुरुद्वारा से हाईब्रिज मार्ग होते हुए बरसात का गंदा पानी व सीवरेज का पानी आज भी पुष्कर सरोवर तक जाता है।
बरसात तक इन मार्गों पर चलना भी दुश्वार है। समयावधि पूरी, काम अधूरा : बजट घोषणा के बाद वराह घाट चौक से ब्रह्म घाट होते हुए संतोषी माता की ढ़ाणी के पम्पिंग स्टेशन तक सड़क के दोनों ओर बरसाती नाले निर्माण का काम करने के लिए 12 करोड रुपए स्वीकृत किए गए। इसमें एडीए के मार्फत तीन मार्च को काम सावित्री मार्ग से शुरू कर दिया गया। इसमें सड़क के दोनों ओर 1200 मीटर लम्बाई में नाला निर्माण मय कवरिंग पम्पिंग स्टेशन निर्माण व घरेलू कनेक्शन का काम करना था, लेकिन समयावधि बीतने के बाद भी काम अधूरा रोक दिया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने सरोवर में गंदा पानी जाने से रोकने के लिए चार करोड की घोषणा कर गुजरात की एक फर्म ने पाण्डे नर्सरी के पास पाइप बिछाने के लिए गहरा गड्ढा खोदकर काम शुरू किया, जो चुनाव के बाद कागजी बन गया। सत्ता बदल गई। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री नसीम अख्तर ने यह मामला दिल्ली संगठनात्मक बैठक में उठाया। सीएम अशोक गहलोत ने इस समस्या के निदान के लिए साढ़े 12 करोड की डीपीआर बनाने की बजट घोषणा की। आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेन्द्र सिंह राठौड ने सावित्री मार्ग पर बडी नाली बनाकर बरसाती पानी को कस्बे के बाहर डालने की योजना क्रियान्वित की। यह योजना भी कछुआ चाल है। अब तक पांच सौ मीटर लाइन भी नहीं बिछ सकी है। पंप से गंदा पानी बाहर फेंकने के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है। सरकार ने छह करोड़ अजमेर विकास प्राधिकरण को दे दिए हैं। इसमें एडीए इतनी ही राशि मिलाएगा। कई सरकारें आई चली गईं, लेकिन अब तक पुष्कर सरोवर में गंदे पानी की आवक रोकने की कोई योजना धरातल पर नहीं है। बाद में ढाक के तीन पात नजर आते हैं। पुष्कर सरोवर का जलीय प्रदूषण रोकने की ठोस योजना जरूरी है।
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