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जयपुर (आईएएनएस)| राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट गुरुवार को 17 अप्रैल की सुबह आत्महत्या करने वाले राम प्रसाद मीणा के घर पहुंचे और एफआईआर में नामजद लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। राज्य के मंत्री महेश जोशी, मुंजी टांक, देवा अवस्थी, लालचंद देवनानी, गिरधारी जी मंदिर के देवेंद्र शर्मा, ललित शर्मा और अन्य के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है, क्योंकि राम प्रसाद ने अपने आखिरी वीडियो में इन लोगों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
पिछले 4 दिनों से राम प्रसाद का शव उस कमरे में पड़ा हुआ है, जहां उसने आत्महत्या की थी। शाम करीब पांच बजे पायलट मीणा के घर पहुंचे और परिजनों से मिले। उन्होंने परिवार को सांत्वना देते हुए कहा कि इस कठिन समय में हम आपके साथ खड़े हैं।
पायलट ने कहा, गरीब परिवार को न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने मुझे अपने साथ हुए अन्याय के बारे में बताया। उनकी बातें सुनकर मुझे लगता है कि बहुत अन्याय हुआ है। उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए, जिनका वीडियो में और अन्य जगहों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का उल्लेख किया गया है। पुलिस पर किसी भी तरह का दबाव नहीं होना चाहिए, निष्पक्षता से काम करे।
पायलट के साथ जयपुर की पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल समेत अन्य नेता मौजूद थे। राम प्रसाद मीणा के परिवार की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भेजा गया है, जिसमें परिवार को न्याय दिलाने और अपने ऊपर हुए अत्याचार के लिए मुआवजे की मांग की गई है।
प्राथमिकी में राज्य के मंत्री महेश जोशी को आरोपी बनाया गया है। परिवार ने अन्य आरोपियों के साथ उनकी गिरफ्तारी की मांग की है।
उन्होंने पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और पीड़ित परिवार के घर के पास स्थित अवैध निर्माण (शेरेटन होटल) को 24 घंटे के भीतर गिराने की भी मांग की है।
परिजन शाम को पोस्टमॉर्टम कराने पर राजी हो गए। पिछले चार दिनों से राम प्रसाद मीणा का शव सुसाइड स्थल पर फ्रिज में रखा हुआ था।
--आईएएनएस
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