राजस्थान

इलेक्ट्रिक स्कूटी से उठी चिंगारी से पेट्रोल वाली स्कूटी जली

Shantanu Roy
5 Feb 2023 10:43 AM GMT
इलेक्ट्रिक स्कूटी से उठी चिंगारी से पेट्रोल वाली स्कूटी जली
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बड़ी खबर
जयपुर। मानसरोवर थाना इलाके में मान्यावास स्थित सालासर एन्क्लेव में शुक्रवार रात करीब 11 बजे चार्जिंग में लगी इलेक्ट्रिक स्कूटी में स्पॉर्क होने से आग लग गई। इसी दौरान स्कूटी से निकली चिंगारी ने पास में खड़ी पेट्रोल की स्कूटी को चपेट में ले लिया, जिससे उसमें विस्फोट हो गया। इससे आग कुछ ही देर में पूरे घर में फैल गई। उस वक्त मकान में पांच लोग सो रहे थे। पड़ोसी आरएसी के कांस्टेबल ने आग देखकर परिवार को जगाया। उसके बाद खिड़की तोड़कर परिवार के पांच सदस्यों को बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन आग की लपटों से तीन लोग झुलस गए। घटनास्थल के पास खाली सिलेंडर रखे थे, यदि ये सिलेंडर भरे होते तो बड़ा हादसा हो जाता। झुलसे सभी लोगों का बर्न वार्ड में उपचार जारी है। आग की सूचना पर पहुंची दमकल ने आग पर काबू पाया। आग से दोनों स्कूटी और काफी सामान कबाड़ में तब्दील हो गया। एएसआई भगवान सहाय ने बताया कि सालासर एन्क्लेव में प्लाट नंबर 191-बी में फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. नरेन्द्र यादव, उनकी पत्नी ज्योति, पांच साल का बेटा, उनकी भतीजी सुनीता यादव और उसका बेटा रवि रहता है। डॉ. यादव ग्राउंड फ्लोर में रहते हैं, जबकि फर्स्ट फ्लोर पर इनकी भतीजी सुनीता और सैकेंड फ्लोर पर डॉ. नरेंद्र के परिचित रहते हैं। डॉ. यादव ने रात दस बजे घर में इलेक्ट्रिक स्कूटी को चार्जिंग में लगाया था। रात करीब ग्यारह बजे स्कूटी में स्पार्क होने से आग लग गई। स्कूटी में आग लगने से पास खड़ी पेट्रोल की दूसरी स्कूटी ने आग पकड़ ली। कुछ ही देर में स्कूटी की पेट्रोल टंकी में विस्फोट हो गया। जिससे आग पूरे घर में आग फैल गई। आगजनी में घर का पूरा सामान जल गया। घटना में नरेंद्र यादव (30) भतीजी सुनीता (11) और उसका बेटा रवि (13) झुलस गए। तीनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉ. नरेन्द्र की हालत गंभीर है। डॉ. यादव की पत्नी ज्योति यादव दुर्लभजी अस्पताल नर्सिंग स्टाफ में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि रात में सभी लोग सो रहे थे। पड़ोस में रहने वाले पुलिसकर्मी ने मकान में आग लगी देख आवाज लगाई और हमें बचाया। आगजनी के दौरान डॉ. नरेन्द्र सीढ़ियों की तरफ आए तो झुलस गए। इसके बाद पड़ोसी की मदद से खिड़की तोड़कर मुझे और बेटे को बाहर निकाला गया। उसके बाद सीढ़ी लगाकर सुनीता और उसके बेटे को नीचे उताकर बचाया गया।
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