पिलानी प्रधान के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाते हुए दायर याचिका
झुंझुनूं न्यूज: उच्च न्यायालय ने पिलानी पंचायत समिति के एक सदस्य द्वारा अपने ही मुखिया के खिलाफ अपने कर्तव्यों के निर्वहन में उदासीनता का आरोप लगाते हुए दायर याचिका के मामले में प्रधान सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, उपायुक्त एवं शासन सचिव, झुंझुनू कलेक्टर को निर्देशित किया है. जिला परिषद सीईओ सूरजगढ़ ने एसडीओ व पिलानी पंर प्रधान बिरमा देवी को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है.
मामले के अनुसार पिलानी पंचायत समिति सदस्य राजकुमार ने अधिवक्ता संजय महला के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी कि पंचायत समिति की मुखिया बिरमा देवी अपने कर्तव्यों के निर्वहन में उदासीन और असफल रही है. उसे पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के तहत सरकार द्वारा बर्खास्त किया जाना चाहिए, और वित्तीय शक्तियों को किसी अन्य सक्षम प्राधिकारी को हस्तांतरित किया जाना चाहिए। बहस में अधिवक्ता संजय महला ने कहा कि प्रधान ने नियमानुसार बैठकें आयोजित नहीं की.
विकास कार्यों व निर्माण कार्यों के प्रति उदासीन रहा है। ऐसे में सरकार द्वारा देय 5 करोड़ रुपये का बजट भी लैप्स होने की स्थिति में है। वह बिल वाउचर पर हस्ताक्षर भी नहीं कर रही है। पिछले दिनों अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया में वे मात्र एक मत के अंतर से निरर्हता से बच गई थीं। मामले की सुनवाई कर रहे जज ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों, झुंझुनू कलेक्टर व जिप सीईओ व अन्य को नोटिस देकर 2 सप्ताह में जवाब मांगा है.