राजस्थान

सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू से मिली परमिशन, 15 जनवरी तक कोटा में गूंजेगी बब्बर शेर की दहाड़

Admin Delhi 1
5 Jan 2023 1:47 PM GMT
सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू से मिली परमिशन, 15 जनवरी तक कोटा में गूंजेगी बब्बर शेर की दहाड़
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कोटा: शहरवासियों को इसी माह में अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में इसी माह कभी भी बब्बर शेर व टाइगर के दीदार हो सकते हैं। वन्यजीव विभाग को सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू से लॉयन, टाइगर व लोकड़ी का जोड़ा लाने की परमिशन मिल चुकी है। ऐसे में उदयपुर के सज्जनगढ़ से बब्बर शेर अली, शेरनी सुहासनी तथा नाहरगढ़ जयपुर बायोलॉजिकल पार्क से बाघिन महक व नर बाघ के साथ लोमड़ी का जोड़ा भी लाया जाना है। जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई है। इन्हें लाने के लिए सीजेडएआई से 15 जनवरी से पहले स्वीकृति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। सहमति मिलने के अगले दिन ही इन वन्यजीवों को अभेड़ा बायॉलोजिकल पार्क में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

शेर-शेरनी से लौटेगी रौनक: डीसीएफ अनुराग भटनागर ने बताया कि सज्जनगढ़ उदयपुर से कोटा बायोलॉजिकल पार्क के लिए बब्बर शेर अली और शेरनी सुहासिनी को लाया जाना है। सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू से परमिशन मिलने के साथ ही विभागीय तैयारियां पूरी कर ली गई है। उधर, उदयपुर चिड़ियाघर प्रशासन से भी हरी झंडी मिल चुकी है। अब सेंट्रल-जू अथॉरिटी से सहमति मिलते ही इन्हें यहां शिफ्ट कर दिया जाएगा। चूंकि बब्बर शेर हाईब्रिड होने से इसका सलेक्शन भी हाईब्रिड बब्बर शेरनी के लिए किया है। एनक्लोजर में लॉयन का ओपन एरिया करीब 173 स्क्वायर मीटर है।

नाहरगढ़ जयपुर से आएगा बाघ-बाघिन का जोड़ा: बाघ-बाघिन और लोमड़ी का जोड़ा जयपुर के नाहरगढ़ बायॉलोजिकल पार्क से कोटा लाया जाएगा। वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अखिलेश पांडे ने बताया कि कोटा चिड़ियाघर में बाघिन महक वर्ष 2013 में जयपुर-जू से लाई गई थी। पहले उसकी जोड़ी टाइगर शत्रुघ्न के साथ बनाई थी लेकिन उसकी मौत के बाद वह अकेली रह गई थी। इसके बाद वर्ष 2018 में बाघ मछंदर के साथ फिर से जोड़ी बनाई गई, सफल मेटिंग भी हुई लेकिन महक मां नहीं बन सकी। मछंदर की मौत के बाद वर्ष 2019 में केंद्रीय जंतुआलय प्राधिकरण ने महक को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में भिजवाने के आदेश दिए थे। एनक्लोजर में टाइगर का ओपन एरिया 400 स्क्वायर मीटर होगा।

बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी लोमड़ी:

बायोलॉजिकल पार्क में लोमड़ी का जोड़ा खासकर बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा। अब तक लोमड़ी की चलाकी किताबों में पड़ी और सूनी थी। जिसे वह प्रत्यक्ष रूप से देखेंगे। हालांकि, लॉयन और टाइगर सभी के लिए आकर्षण बनेंगे। लोमड़ी का ओपन एरिया 1 हजार स्क्वायर मीटर होगा।

बायोलॉजिकल पार्क की बढ़ेगी कमाई:

बायलॉजिकल पार्क में कुल 75 वन्यजीव हैं। जिनमें मांसाहारी वन्यजीवों में 3 पैंथर, 4 भेड़िए, 6 सियार और 3 हायना हैं। वहीं, 2 भालू थे, जिनमें से एक नर भालू की गत वर्ष मौत हो गई। ऐसे में यहां एक ही मादा भालू है। इसके अलावा शाकाहारी वन्यजीवों में चीतल 26, नीलगाय 11, ब्लैक बक 14, चिंकारा 5 और सांभर 2 हैं। अब बब्बर शेर, टाइगर और लोमड़ी के दीदार होने से पर्यटक रोमांचित हो उठेंगे। साथ ही बायोलॉजिकल पार्क की कमाई का आंकड़ा भी बढ़ेगा।

ई-रिक्शा और कैफेटेरिया शुरू करने की भी तैयारी:

बायोलॉजिकल पार्क तीन किमी दायरे में फैला हुआ है। ऐसे में पर्यटकों को वन्यजीवों को देखने के लिए लंबा चक्कर पैदल ही काटना पड़ता है। इलेक्ट्रिकल व्हीकल नहीं होने से लंबे ट्रैक पर पर्यटकों का पैदल घूमना मुश्किल हो जाता है। वहीं, कैफेटेरिया सुविधा नहीं होने से लोगों को चाय-नाश्ते के लिए परेशान होना पड़ता है। इसके अलावा पर्यटकों के बैठने के लिए छायादार शेड व वाटरकूलर भी र्प्याप्त नहीं होने से भटकना पड़ता है। पर्यटकों की तमाम समस्याओं को देखते हुए वन्यजीव विभाग ई-रिक्शा व कैफेटेरिया शुरू करने की भी तैयारियों में जुटा हुआ है।

बब्बर शेर अली और शेरनी सुहासिनी को उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क, बाघिन महक व नर बाघ और लोमड़ी का जोड़ा जयपुर के नाहरगढ़ से लाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसके लिए सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू से परमिशन मिल चुकी है। सीजेडएआई से 15 जनवरी तक सहमति मिलने की पूरी संभावना है। बड़े वन्यजीवों की मौजूदगी से अभेड़ा पार्क में रौनक लौट आएगी और रेवन्यू में भी इजाफा हो सकेगा।

-अनुराग भटनागर, डीसीएफ उड़नदस्ता, सीसीएफ आॅफिस कोटा

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