राशन कार्ड चालू नहीं होने से भटक रहे लोग, अनाज के पड़े लाले
कोटा: गरीब को क्या चाहिए....रोटी, कपड़ा और मकान। कच्ची बस्ती में मकान बन गया। मजदूरी करके तन ढक रहे हैं, लेकिन अनाज के लाले पड़ रहे हैं। मजदूरी जिस दिन नहीं करते तो भूखे की नौबत आती है। यह कहना है रायपुरा रोड स्थित दुर्गा कच्ची बस्ती निवासी विनोद कुमार का। विनोद जैसे ही सैकड़ों लोग ऐसे हैं जो अनाज के लिए तरस रहे हैं। कई तो ऐसे हैं कि जिनको राशन कार्ड बनने के बाद अनाज तक नहीं मिला। किसी का राशन कार्ड में नाम नहीं जुड़ा तो किसी का अचानक कट गया। यानी लोग परेशान हैं। परेशान लोग रसद विभाग से लेकर ईमित्र संचालकों के पास चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी कहीं पर सुनवाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में उनकी पीड़ा बढ़ती ही जा रही है।
राशन कार्ड में नहीं जुड़ पा रहे नाम
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लोगों के नाम राशन कार्ड में नहीं जुड़ पा रहे। काफी लोग नाम जुड़वाने के लिए कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। समस्या अब तक हल नहीं हो पाई। इसी तरह तमाम लोग ऐसे हैं जिनको निष्क्रिय मानते हुए उनके नाम राशन कार्ड से हटा दिए गए, जबकि वह डीलरों के पास राशन लेने के लिए जाते हैं तो वहां नाम हटा होने के कारण राशन नहीं मिल पाता है। इस समस्या का भी समाधान रसद विभाग नहीं कर पा रहा है। पीड़ित लोगों का कहना है कि मजदूरी करके वह अपना जीवनयापन कर रहे हैं। हम केवल राशन कार्ड में नाम जुड़वाना चाहते हैं। गरीब होने का मतलब ये नहीं है कि अफसर हमें भूखा रखें।
ई-मित्रों पर रोजाना लगा रहे चक्कर
राशन के गेहूं से वंचित लोगों ने बताया कि उन्होंने ईमित्र से राशनकार्ड बनवा लिया है, लेकिन वह चालू नहीं हो पा रहा है। इस कारण राशन का गेहूं नहीं मिल पा रहा है। रोजाना ईमित्र पर चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। ईमित्र संचालकों का कहना है कि राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना की साइट को बंद कर रखा है। इस कारण लोगों के राशन कार्ड चालू नहीं हो पा रहे हैं।
अधिकारी नहीं मिलते
कई बार रसद विभाग के कार्यालय गया लेकिन राशन कार्ड नहीं बन पाया। अधिकारी मिलते ही नहीं। सोचा कभी तो समस्या का समाधान होगा, लेकिन कुछ राहत नहीं मिली।
-मोती सिंह, निवासी दुर्गा कच्ची बस्ती
कार्यालय के दौड़ लगा चुके
बेटा-बहू का राशन कार्ड बना लेकिन बनने के बाद से आज तक राशन नहीं मिला। कई बार कार्यालय के दौड़ लगा चुके। कोई सुनने वाला नहीं। राहत शिविरों से उम्मीद जरूर है अब वहां जाएंगे।
-इमरती बाई, निवासी गणेश तालाब
बेटे का नाम आज तक नहीं जुड़ पाया
बेटे का नाम राशन कार्ड में आज तक नहीं जुड़ पाया। कई बार प्रयास किए। बेटे का आॅपरेशन हुआ है। अनाज तक नहीं मिल पा रहा है। कर्ज लेकर राशन आदि की व्यवस्था कर रहे हैं।
-शांति बाई, निवासी साजीदेहड़ा बस्ती
अभी साइट बंद है
राज्य सरकार ने वर्तमान में खाद्य सुरक्षा योजना की साइट को बंद कर रखा है। इस कारण राशनकार्ड चालू नहीं हो रहे हैं। पूर्व में साइट खोलकर पात्र लोगों से आवेदन भी लिए गए थे, जिनकी जांच चल रही है। अब फिर से साइट खुलने के बाद पात्र लोगों के राशनकार्ड चालू किए जाएंगे।
- मनोज कुमार, प्रवर्तन निरीक्षक रसद विभाग