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बाड़मेर। बाड़मेर मौसम में बदलाव से तापमान में गिरावट से लगातार बढ़ रहा सर्दी का असर उत्तरी हवाओं से इन दिनों शीत लहर से दिन-रात का पारा गिरने के साथ ही सर्दी तेज हो गई है। पिछले कुछ दिनों से बर्फीले पहाड़ों से चल कर आने वाली शीत लहर ने प्रदेश के कई जिलों को चपेट में लिया है। सर्दी से दिन में भी राहत नहीं मिल रही है। हवा इतनी ठंड है कि रात के समय तो चूल की तरह चुभने लगी है। हालांकि इस बार दिसंबर में सर्दी का यह दौर 8 दिन देरी से आया है। गत दिनों 20 दिसंबर को ही पारा सिंगल डिजिट में पहुंच गया था। 31 अगस्त 2021 को सबसे कम पारा 4.8 डिग्री रहा था।
सोमवार को बाड़मेर का अधिकतम पारा 25.1 और न्यूनतम 10.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पिछले 3-4 दिन से चल रही शीत लहर के कारण सर्दी लगातार बढ़ रही है। पारे में गिरावट के साथ ही अब फसलों पर ओस की बूंदे भी जमने लगी है। सुबह के समय हल्का कोहरा भी छाया रहता है। उत्तरी भारत के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के बाद अब उत्तर से आ रही ठंडी हवा चुभने लगी है। रात के समय सर्दी का असर इतना तेज हो जाता है कि होटल-ढाबों पर भी लोग अलाव तापते नजर आते है।
वर्ष 2021 के दिसंबर माह में इन दिनों पारा सिंगल डिजिट में था यानि साल के अंतिम दिन 4.8 डिग्री तक पहुंच गया था, जबकि इस बार इन दिनों पारा 10 डिग्री पर बना हुआ है। ऐसे में सर्दी की दस्तक करीब 8 दिन देरी से हुई है। अब पारे में गिरावट हो रही है। हालांकि पिछले साल 26 दिसंबर के आसपास जिले के कुछ हिस्सों में मावठ की बारिश हुई थी, इससे पारे में अचानक 5-6 डिग्री तक गिरावट आने के साथ ही 4 डिग्री तक पहुंच गया था। इस बार अभी तक मावठ की बारिश नहीं हुई है। ऐसे में पारे में धीरे-धीरे गिरावट हो रही है। दिसंबर माह में अब तक की रिकार्ड सर्दी 15 दिसंबर 1935 को थी। उस दिन पारा माइनस में 1.7 डिग्री तक पहुंच गया था। गर्म दिन की बात करें तो अब का सबसे गर्म दिन 17 दिसंबर 1990 को 36.6 डिग्री था। इसके अलावा मावठ की बारिश का रिकार्ड 8 दिसंबर 1945 के नाम है। उस दिन अब तक की सर्वाधिक 59.9 एमएम बारिश हुई थी।
Admin4
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