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जैसलमेर। जैसलमेर में इन दिनों शीतलहर शुरू हो गई है। रात में चल रही बर्फीली हवाएं अब लोगों को चुभने लगी हैं तापमान 6.3 डिग्री पर आ गया है। ऐसे में रामगढ़ व नोख आदि सीमावर्ती गांवों में सुबह ओस की बूंदों के साथ वाहनों की छतों पर बर्फ जमनी शुरू हो गई है. सुबह से ही लोग अपने वाहनों से बर्फ हटाते नजर आ रहे हैं। हालांकि दिन में धूप के कारण शीत लहर का प्रकोप उतना नहीं रहता, लेकिन सूरज ढलने के बाद शाम से ही ठंडी हवाएं चलने लगती हैं। लोग जल्द ही रजाई में छिप जाते हैं। सड़कों पर सुबह के समय भी सन्नाटा पसरा रहता है। लोग अलाव जलाकर खुद को गर्म रखने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।
मौसम विभाग ने जैसलमेर में दिन का तापमान 22.8 डिग्री रिकॉर्ड किया, जबकि रात का तापमान गिरकर 6.3 डिग्री पर आ गया। पूरी रात लोगों को गर्म कंबलों में भी ठंड का अहसास हुआ। इसी तरह गर्म ऊनी कपड़े पहनकर बाहर निकलने वालों को भी सर्दी की मार पड़ रही है। जैसलमेर घूमने आए सैलानियों को भी सर्दी की सितम झेलनी पड़ रही है। वह कोट जैकेट में दुबके नजर आ रहे हैं। इसी तरह सड़क किनारे अलाव जलाकर ठंड भगाने की कोशिश करने वालों की संख्या भी बढ़ गई है।
जैसलमेर, रामगढ़ और नोख के सीमावर्ती गांवों में पिछले दो दिनों से ठंड का असर बढ़ गया है. सुबह वाहनों और बाइकों की सीटों और छतों पर बर्फ देखी गई। दरअसल, कड़ाके की ठंड के कारण रात में पड़ी ओस की बूंदें जम कर बर्फ की परत में तब्दील हो गईं. सर्दी के बढ़ते असर के साथ लोगों की दिनचर्या में भी बदलाव देखा जा रहा है. सुबह से ही लोगों ने ठंड से राहत पाने के लिए अलाव का सहारा लिया, वहीं लोग ऊनी कपड़ों में भी लिपटे रहे, लेकिन ठंड से राहत नहीं मिली. सर्दी का असर बढ़ने से किसानों के चेहरों पर चमक देखी जा सकती है। इस सर्दी से फसलों को काफी फायदा होगा और उत्पादन भी ज्यादा होगा।

Admin4
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