
कोटा। संभाग के सबसे बड़े एमबीएस अस्पताल के हालात सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। संभाग का बड़ा अस्पताल होने से कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां से रेफर होकर मरीज यहां इलाज के लिए आते लेकिन यहां की अव्यवस्थाओं को देखकर मरीज अपने को ठगा-ठगा सा महसूस करता है। शहर में जरा सी बारिश होते ही एमबीएस व जेकेलोन अस्पताल में चहुंओर पानी जमा होकर कीचड़ हो जाता है। अस्पताल में चल रहे निर्माण के कारण सारी सड़के उखड़ चुकी है। नालियों का गंदा पानी हमेशा टूटी सड़कों पर बहता रहता है। बारिश होते ही अस्पताल की हालत खराब हो जाती है।
कीचड़ से गुजरना मजबूरी
शहर में शुक्रवार रात से हो रही बारिश ने संभाग के दोनों बडे अस्पातालों की अव्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी। अस्पताल परिसर तलाई बन गया। चहुंओर कीचड़ फैलने से मरीजों को अस्पताल पहुंचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में चल रहे निर्माण के कारण नालियां पूरी टूट चुकी है। जगह जगह गड्ढे बन गए है। जरा सी बारिश होते ही अस्पताल में कीचड़ और पानी जमा हो जाता है। तीन माह पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के बाद यहां तुरंत नालियों का निर्माण करने और अस्पताल की सड़कों मरम्मत करने के आदेश दिए लेकिन चार माह बाद भी हालात जस के तस बने हुए है। शुक्रवार रात को हुई बारिश ने अस्पताल की अव्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी।
कीचड़ से प्रसूताओं को हो रही परेशानी
जेकेलोन अस्पताल में जरा सी बारिश होते ही चहुंओर कीचड़ और गंदगी फैल जाती है। शुक्रवार को रात से चल रही बारिश से अस्पताल परिसर में जगह-जगह पानी भर गया है। अस्पताल के मुख्य गेट पर पानी जमा होने से कीचड़ हो गया है। प्रसुताओं को अस्पताल में जाने में परेशानी हो रही है। कीचड़ में पैर फिसलने के डर से गर्भवती महिलाएं परिजनों का सहारा लेकर अस्पताल में पहुंच रही है।
