राजस्थान
पालनहार योजना लाभार्थी संवाद अभिभावक संग पहुंचे नन्हे लाभार्थी, सीएम से संवाद कर खिलखिलाए कोटा जिले के 11329 लाभ
Tara Tandi
3 July 2023 1:59 PM GMT
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पालनहार योजना के लाभार्थी संवाद के वर्चुअल समारोह का सोमवार को सीधा प्रसारण नगर विकास न्यास के ऑडिटोरियम में किया गया। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कोटा के नागरिकों से संवाद करते हुए योजनाओं से मिल रहे लाभ एवं शहर में हुए विकास कार्यो के बारे में फीडबैक लिया।
लाभार्थी संवाद कार्यक्रम में जिले भर के पालनहार योजना की सभी श्रेणियों के लाभार्थी एवं अभिभावक उपस्थित रहे। समारोह में संभागीय आयुक्त डॉ प्रतिभा सिंह, महापौर कोटा उत्तर श्रीमती मंजू मेहरा, जिला कलक्टर ओपी बुनकर, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कावेन्द्र सिंह सागर, खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष पंकज मेहता, यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी, उप महापौर पवन मीणा, अमित धारीवाल, शिवकांत नंदवाना, डॉ जफर मोहम्मद, अतिरिक्त कलक्टर शहर बृजमोहन बैरवा, सीईओ जिला परिषद ममता तिवाडी, आयुक्त नगर निगम दक्षिण राजेश डागा, उप निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता ओमप्रकाश तोषनीवाल सहित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
समारोह में कोटा जिले में पालनहार योजना के 11 हजार 422 लाभार्थियों को 1 करोड़ 15 लाख तथा 11 हजार 329 लाभार्थियों के खाते में जुलाई माह की राशि 1 करोड 68 लाख 8 हजार 22 रूपए मौके पर ही संबंधित के बैंक खातों में हस्तांतरित की गई। राशि खातों में आने का संकेत मिलते ही लाभार्थियों के चेहरे खिल उठे। उन्होंने तालियों की गडगडाहट के साथ इसका स्वागत किया और मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। इस अवसर पर पालनहार योजना के लाभार्थी बच्चे बडी संख्या में उपस्थित थे। हाथों में तिरंगे गुब्बारे लिए वे खुशी से सराबोर नजर आ रहे थे। पूरा ऑडिटोरियम तिरंगे गुब्बारों से सजाया गया था।
कोटा के लाभार्थियों से किया संवाद
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कोटा निवासी दिव्यांग असलम हुसैन से संवाद करते हुए उनके बच्चांे की पढाई के बारे मंे पूछा, बिटिया शायनूर एवं बेटे अकील अहमद से भी बातचीत की। सीएम ने असलम हुसैन से कोटा में बन रहे चम्बल रिवर फ्रंट के बारे में पूछा कि आपने यह देख लिया क्या, इस पर असलम ने कहा कि पहले आप इसका उद्घाटन करने आएंगे, तब हम देखने जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कोटा आने की बात कहते हुए विकास कार्यो की सराहना की। असलम ने कोटा के दिव्यांगजनों की ओर से जनकल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए सीएम को धन्यवाद दिया और शहर में हुए विकास के लिए स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल का भी धन्यवाद करते हुए कहा कि सारा विकास इनकी देन है।
इसी तरह मुख्यमंत्री ने बृजेश कुमारी से संवाद के दौरान उनकी पुत्री लक्ष्मी से उसकी पढाई के बारे में जानकारी ली और पूछा कि वह क्या बनना चाहती है। इस पर लक्ष्मी ने पुलिस अधिकारी बनने की मंशा व्यक्त की तो सीएम बोले कि अच्छी भावना है, महिला उत्पीडन को रोकने में भूमिका निभाएगी। बृजेश ने जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए सीएम का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि मंहगाई राहत कैम्प में उन्हें पांच योजनाओं के गारंटी कार्ड मिले। उन्होंने पालनहार योजना में पात्रता की उम्र 20 वर्ष करने का सुझाव रखा जिस पर सीएम ने कहा कि मैं यह लिख लेता हूं, इस पर विचार करेंगे।
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सफलता की कहानी
‘पालनहार‘ से रौशन बेबस घरों के चिराग
कोटा 3 जुलाई। राज्य सरकार की पालनहार योजना नियति का शिकार होकर बेबस हुए परिवारों के लिए सम्बल बन रही है। ऐसे परिवारों के बच्चे इस योजना की बदौलत शिक्षा का दीप जलाए हुए हैं, पढाई-लिखाई का सपना पूरा कर पा रहे हैं। कोटा मंे 11 हजार से ज्यादा बच्चे इस योजना से जुडकर शिक्षा पा रहे हैं और उनके पालनहार उनकी शिक्षा से रोजगार तक की सुखद उम्मीद बांधे हुए हैं।
गोविंद नगर निवासी इशिका चौहान तीन भाई बहनों में सबसे बडी हैं। वह 8 वीं कक्षा में पढती हैं। पिता निजी तौर पर वाहन चलाने का कार्य करते थे जिनकी दो साल पहले मृत्यु हो गई तो परिवार पर दुखों का पहाड टूट पडा। मां एक निजी अस्पताल में कार्य करती हैं। ऐसी मुसीबत की घडी मंे पालनहार योजना सहारा बन कर आई। इशिका और चौथी कक्षा में पढने वाले भाई को पालनहार योजना का लाभ मिलने से उनकी पढाई जारी रह पा रही है। वे सरकार को इसके लिए धन्यवाद देती हैं।
इसी तरह अणतपुरा निवासी दिव्यांग दम्पती रविशंकर कश्यप और पत्नी आरती के लिए पालनहार योजना बडा सहारा बनी है। दिव्यांग होने के कारण रवि छोटा मोटा काम ही कर पाते हैं ऐसे में अपनी दो बच्चियों की पढाई लिखाई को लेकर काफी चिंतित थे। पालनहार योजना का लाभ मिलने से दोनों बच्चियों को पर्याप्त राशि पढाई के लिए मिल जाती है। अब रवि और आरती दोनांे बेटियों की पढाई की चिंता से मुक्त हैं। वे कहते हैं कि बच्चों की पढाई की चिंता सरकार ने मिटा दी। मुख्यमंत्री का हम बार-बार धन्यवाद करते हैं।
Tara Tandi
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