गर्मी के कारण फसलों में हो रहा मोयले का प्रकोप, फरवरी में मार्च जैसी गर्मी ने बढ़ाई काश्तकारों की चिंता
मोड़क स्टेशन: फरवरी के माह में लगातार बढ़ रहा तापमान क्षेत्र के किसानों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। फरवरी में ही मार्च अप्रैल जैसी गर्मी के कारण किसानों को रबी की फसलों नुकसान की चिंता सताने लगी है।किसानों ने बताया कि फरवरी माह में अधिकतम तापमान 32 डिग्री तक पहुंच जाने के कारण गेहूं एवं सरसों की फसल के प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है। सरसों की फसल के लिए फरवरी माह में अभी तक एक आदर्श तापमान 25 डिग्री होना चाहिए था। लेकिन गत एक सप्ताह में ही अधिकतम तापमान में करीब सात डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ऐसे में तापमान 32 डिग्री के आसपास पहुंच गया है। पिछले सप्ताह में गुरुवार से लगातार मंगलवार तक तापमान 30 डिग्री के ऊपर चल रहा है। ऐसे में अब इस बढ़े तापमान से फसलों के प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है। जो तापमान अभी 25 डिग्री के आसपास होना चाहिए था, वो 30 डिग्री के ऊपर चल रहा है। ऐसे में सरसों की फसल में फोर्स मैच्योरिटी बढ़ेगी। इसके चलते फसल की क्वालिटी प्रभावित होगी।
बागवानी फसलों को भी नुकसान
लगातार बढते तापमान के कारण बागवानी की फसलों को भी नुकसान होगा। उद्यान विभाग ने एडवाइजरी भी जारी की है। इसके तहत अधिक गर्मी में बागवानी फसलों को बचाना चाहिए। ऐसे पौधे जो गर्मी में झुलस सकते हैं, उन पौधों में नमी बनाकर रखी जानी चाहिए। उन पर कपड़े या गर्मी से बचाव के लिए इंतजाम किए जाने चाहिए। ताकि किसी भी स्थिति में बागवानी में नुकसान नहीं हो। तापमान लगातार बढ़ने से परेशानी भी बढ़ती जा रही है। गुठलीदार फलों की सेटिंग के लिए कम से कम हफ्ते तक फूलों का खिला रहना जरूरी माना जाता है। तभी फलों की सेटिंग अच्छी होती है। अगर तापमान बढ़ने से फूल समय से पहले झड़ जाते हैं, तो फलों की सेटिंग भी बिगड़ सकती है।
गेहूं की पैदावार पर भी होगा असर
मानसूनी बरसात का दौर लंबा चलने के कारण खेतों में काफी समय तक पानी का भराव रहा है। इसकी वजह से गेहूं की फसल की पैदावार होने तक नमी कम थी। ऐसे में इस फसल की पैदावार अच्छी मानी जा रही थी। लेकिन अब तापमान बढ़ने से गेहूं, सरसों एवं जौ के लिए यह नुकसान दायक होगा। अगले माह गेहूं की फसल के कटने की संभावना भी किसान जता रहे हैं।
फसलों में तापमान से नुकसान हो रहा है। गेहूं व चने की फसलेें इस तापमान से अधिक प्रभावित हो रही हैं।
-रामजनी, किसान
तापमान वृद्धि के कारण फसलों में मोयला का भी प्रकोप हो रहा है। तापमान में अगर इसी तरह वृद्धि होती रही तो फसलों की गुणवत्ता में कमी आएगी।
-रामलाल जाट, किसान
तापमान वृद्धि से मोयला के कारण फसलों में नुकसान हो सकता है। किसानों को चाहिए कि दवाई का छिड़काव करें। तापमान वृद्धि से रबी की फसलों में 10 परसेंट तक की कमी होने का अनुमान है।
-किशन लाल, कृषि पर्यवेक्षक