राजस्थान
दो छात्रों को 25-25 हजार रुपये 106 माह तक 9 प्रतिशत ब्याज देने का आदेश
Shantanu Roy
27 April 2023 12:32 PM GMT

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करौली। करौली जिला उपभोक्ता निवारण आयोग ने मध्य प्रदेश के मंदसौर के एक निजी कॉलेज द्वारा एमएड के दो छात्रों से अवैध रूप से शुल्क वसूली और कॉलेज प्रशासन की गलती के कारण परीक्षा परिणाम में देरी को सेवा दोष माना है. आयोग ने लगभग 9 साल पुराने दो मामलों में अपने फैसले में दोनों पीड़ित छात्रों को मानसिक मुआवजे के रूप में 25,000 रुपये शिकायत की तारीख से 9 प्रतिशत ब्याज और 5,000 रुपये शिकायत खर्च के रूप में देने का आदेश दिया है। हिण्डौन सिटी के चेतराम कॉलोनी निवासी सचिन शर्मा एवं मंडवारा निवासी आशीष जांगिड़ ने 23 जून 2014 को एडवोकेट कर्मेंद्र चतुर्वेदी के माध्यम से जिला उपभोक्ता निवारण आयोग के समक्ष आरएमएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन, भानपुरा, मंदसौर के खिलाफ अलग-अलग परिवाद प्रस्तुत किया।
बताया गया कि दोनों युवकों ने 75 हजार रुपए फीस जमा कर एमएड के लिए कॉलेज में प्रवेश लिया था। दोनों छात्रों की 29 अप्रैल 12 को लिखित परीक्षा के बाद 1 अगस्त 12 को प्रैक्टिकल की तारीख आई तो प्रैक्टिकल के नाम पर कॉलेज प्रबंधन ने 200 रुपये फीस वसूल कीदोनों पक्षों की दलीलें सुनने और साक्ष्य साक्ष्यों का विश्लेषण करने के बाद दोनों शिकायतों में जिला मुआवजा आयोग के अध्यक्ष देवकरण गुर्जर, सदस्य सुरेंद्र चतुर्वेदी और चंदा देवी ने कॉलेज प्रबंधन की सेवा गलती को स्वीकार किया है. आयोग ने दोनों पीड़ित छात्रों को मानसिक मुआवजे के रूप में 25,000 रुपये और शिकायत की प्रस्तुति की तारीख से 9 प्रतिशत ब्याज (लगभग 106 महीने) और प्रत्येक को शिकायत खर्च के रूप में 5,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है।
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Shantanu Roy
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