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कोटा। सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो की प्रिवेंटिव टीम ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। टीम ने श्रीगंगानगर के सादुलशहर स्थित उम्मेद नशामुक्ति केंद्र में छापेमारी कर करीब 20 लाख रुपये की नशीली गोलियां और इंजेक्शन बरामद किया. टीम ने केंद्र के निदेशक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। ये संचालक नशामुक्ति केंद्रों की आड़ में अवैध रूप से मादक पदार्थों (साइकोएक्टिव ड्रग्स) की खरीद-बिक्री कर रहे थे और फर्जी मरीजों के नाम से फाइल बनाकर इन दवाओं को नशा करने वालों को बेच रहे थे.उप स्वापक आयुक्त राजस्थान विकास जोशी ने बताया कि कार्यालय अधीक्षक (निवारक), निवारक एवं गुप्तचर प्रकोष्ठ, चित्तौडगढ़ एवं कार्यालय जिला अफीम अधिकारी, भीलवाड़ा की संयुक्त टीम ने 20 नवंबर को केंद्र पर छापा मारा. दो दिनों तक चले ऑपरेशन में टीम ने यहां से करीब 20 लाख रुपये कीमत की नशीली दवाएं और इंजेक्शन बरामद किए हैं. मौके से प्रदीप कुमार (33), श्रवण कुमार (21), अनिल बेनीवाल (50) और डॉ. विशाल आत्माराम सोनवणे (44) को गिरफ्तार किया गया।
20 लाख रुपये की नशीली दवाएं बरामद
केंद्र से निवारक टीम द्वारा कुल 1,58,520 नशीले पदार्थ बरामद किए गए। इसमें अल्प्राजोलम 4326 टैबलेट, बुप्रेनॉर्फिन 96622 टैबलेट, क्लोरडायजेपॉक्साइड 1990 टैबलेट, क्लोनाज़ेपम 15880 टैबलेट, 410 कैप्सूल, एटिज़ोलम 17095 टैबलेट, लोराज़ेपम 14076 टैबलेट, 50 इंजेक्शन, नाइट्राज़ेपम 2585 टैबलेट, ट्रामाडोल 1268 टैबलेट, ज़ोपिडेम इंजेक्शन मात्रा 190 टैबलेट 28 शामिल हैं। मौके से बरामद मादक पदार्थ की कीमत करीब 20 लाख रुपये है। सभी नशीले पदार्थ को जब्त कर एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उक्त कार्यवाही में निरोधात्मक दल के सदस्य डीके सिंह, अधीक्षक विपिन कुमार गुप्ता, राजेन्द्र कुमार चौधरी, राजेश बलिया, निरीक्षक सुरेन्द्र कुमार, जगजीत, हेमंत मय दल की महत्वपूर्ण भूमिका रही. मामले में अनुसंधान चल रहा है।इससे पहले फरवरी 2020 में नारकोटिक्स विभाग ने ज्ञानी कलावती अस्पताल में छापेमारी कर 12 लाख 45 हजार 650 ड्रग्स जब्त की थी. टीम ने अस्पताल की संचालिका डॉ. ज्ञानी कलावती को गिरफ्तार कर लिया। ढाई साल में विभाग की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है।
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