राजस्थान

मास्टर भंवर लाल के निधन को एक साल, गहलोत मंत्रिमंडल में Cabinet स्तर का नहीं कोई दलित चेहरा

Shantanu Roy
16 Nov 2021 7:11 AM GMT
मास्टर भंवर लाल के निधन को एक साल, गहलोत मंत्रिमंडल में Cabinet स्तर का नहीं कोई दलित चेहरा
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कांग्रेस पार्टी में दलितों के हितों की आवाज उठाने वाले और वर्तमान गहलोत सरकार (Gehlot Government) में एक मात्र कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) रहे मास्टर भंवरलाल मेघवाल (MLA Master Bhanwar Lal Meghwal) का निधन हुए आज पूरा 1 साल हो गया है.

जनता से रिश्ता। कांग्रेस पार्टी में दलितों के हितों की आवाज उठाने वाले और वर्तमान गहलोत सरकार (Gehlot Government) में एक मात्र कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) रहे मास्टर भंवरलाल मेघवाल (MLA Master Bhanwar Lal Meghwal) का निधन हुए आज पूरा 1 साल हो गया है.

उनकी विधानसभा सीट सुजानगढ़ (Sujangah Vidhansabha Seat) में तो उनके बेटे मनोज मेघवाल विधायक (MLA Manoj Meghwal) बन उनकी कमी को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं,लेकिन राजस्थान (Rajasthan) में आज भी दलितों की आवाज उठाने वाले नेता मास्टर भंवरलाल मेघवाल की कमी कांग्रेस पार्टी को खल रही है.केवल कांग्रेस पार्टी में ही नहीं बल्कि गहलोत मंत्रिमंडल (Gehlot Cabinet) में भी मास्टर भंवरलाल मेघवाल (MLA Master Bhanwar Lal Meghwal) की कमी महसूस हो रही है और बार-बार एक दलित कैबिनेट मंत्री (Dalit Cabinet Minister) बनाने की मांग राजस्थान में उठ रही है, लेकिन राजस्थान में अटके हुए मंत्रिमंडल विस्तार (Rajasthan Cabinet Expansion) के चलते मास्टर भंवर लाल मेघवाल के निधन के बाद अब तक उनकी जगह कोई दूसरा कैबिनेट स्तर का दलित मंत्री नहीं बन सका है.
कांग्रेस पार्टी में दलित विधायकों की ओर से ही नहीं बल्कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने भी राजस्थान के मुख्यमंत्री (Rajasthan CM) से यह मांग रखी थी कि मास्टर भंवर लाल मेघवाल (MLA Master Bhanwar Lal Meghwal) के निधन होने के चलते जो कैबिनेट मंत्री की जगह खाली हुई है उसे जल्द भरा जाए.

बार-बार उठने वाली मांगों के बावजूद अब तक प्रदेश में कैबिनेट विस्तार या पुनर्गठन (Rajasthan Cabinet Expansion) नहीं हो सका है. ऐसे में एक दलित कैबिनेट स्तर के मंत्री की जगह भी 1 साल से खाली है. सबको इंतजार और उम्मीद कैबिनेट विस्तार का ही है. अटकलों के बीच निगाहें सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) पर टिकी हैं कि कब वो विस्तार करते हैं और कब और लोगों को जिम्मेदारियां सौंपी जाती हैं.


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